Fungal Infection Remedies: मानसून की रिमझिम फुहारें और हवा में मिट्टी की खुशबू, ये सब मन को मोह लेते हैं। लेकिन इस खूबसूरत मौसम का एक दूसरा पहलू भी है – फंगल इंफेक्शन। नमी और गर्मी का बढ़ना फंगस के लिए आदर्श वातावरण बनाता है, जिससे त्वचा पर खुजली, जलन, लालिमा और दाने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। ये फंगल इंफेक्शन न सिर्फ असहज महसूस कराते हैं, बल्कि ये आपका मॉनसून का मज़ा भी किरकिरा कर सकते हैं। पर चिंता की कोई बात नहीं! घरेलू उपचारों की हमारी ये प्राकृतिक दवाओं की दुकान आपके बचाव में है। कुछ आसान से नुस्खों को अपनाकर आप फंगल इंफेक्शन को दूर रख सकते हैं और बेफिक्र होकर मानसून का आनंद ले सकते हैं। तो चलिए जानते हैं उन घरेलू नुस्खों के बारे में जो आपकी त्वचा को फंगस से बचाएंगे…
टी ट्री ऑयल
मानसून के मौसम में फंगल इंफेक्शन एक आम समस्या बन जाती है। नमी और गर्मी के कारण फंगस पनपते हैं, जिससे त्वचा पर खुजली, लालिमा और जलन जैसी परेशानियां हो सकती हैं। इनसे बचाव के लिए कई तरह के उपाय किए जा सकते हैं, जिनमें से एक है टी ट्री ऑयल का इस्तेमाल। टी ट्री ऑयल में एंटी-फंगल गुण होते हैं जो फंगस के विकास को रोकते हैं और त्वचा को संक्रमण से बचाते हैं। यह त्वचा की जलन और लालिमा को कम करने में भी मदद करता है। संक्रमित जगह को अच्छी तरह धोकर सुखा लें। एक साफ रुई के फाहे पर टी ट्री ऑयल की कुछ बूंदें लें। तेल को प्रभावित जगह पर धीरे से लगाएं। इसे दिन में 2-3 बार दोहराएं।
दही का सेवन
फंगल इंफेक्शन से राहत दिलाने में दही एक स्वादिष्ट सहयोगी हो सकता है! जी हां, दही में पाए जाने वाले प्रोबायोटिक्स, यानी अच्छे बैक्टीरिया, फंगस से लड़ने में आपकी मदद कर सकते हैं। ये बैक्टीरिया आंतों में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया और फंगस को नियंत्रित रखते हैं, जिससे फंगल इंफेक्शन को पनपने में मुश्किल होती है। दही का सेवन न सिर्फ फायदेमंद है, बल्कि ये स्वादिष्ट भी होता है। आप रोजाना 1-2 कप सादा दही खा सकते हैं, या फिर इसमें अपने पसंदीदा फल, मेवे या थोड़ा शहद मिलाकर इसका स्वाद बढ़ा सकते हैं।
लहसुन
फंगल इंफेक्शन से राहत पाने के लिए 2-3 लहसुन की कलियों को पीसकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को प्रभावित जगह पर लगाएं और 15-20 मिनट बाद ठंडे पानी से धो लें। दिन में 2-3 बार इस प्रक्रिया को दोहराने से फंगस के खिलाफ लड़ाई में मदद मिल सकती है। हालांकि, ध्यान दें कि कुछ लोगों को लहसुन से एलर्जी हो सकती है और त्वचा पर लगाने से जलन भी हो सकती है। ऐसे में सावधानी जरूरी है।