Health: डायबिटीज एक गंभीर बीमारी है, जो खानपान और लाइफस्टाइल में गड़बड़ी से हो सकती है। इसका कोई इलाज नहीं है, लेकिन इसे सही खानपान और लाइफस्टाइल से नियंत्रित किया जा सकता है। कई लोगों का मानना है कि ज्यादा चावल खाने से डायबिटीज हो जाता है। चूंकि चावल भारत में थाली का मुख्य हिस्सा है, यह चिंता का विषय बन जाता है। लेकिन क्या सचमुच रोज चावल खाने से डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि केवल चावल खाने से डायबिटीज नहीं होता है। डायबिटीज एक जटिल बीमारी है जिसके कई जोखिम कारक होते हैं, जिनमें आनुवंशिकी, जीवनशैली और पर्यावरणीय कारक शामिल हैं। हालांकि, यह सच है कि सफेद चावल, जो कि ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) में उच्च होता है, रक्त शर्करा के स्तर में तेजी से वृद्धि का कारण बन सकता है। यह वृद्धि टाइप 2 मधुमेह के विकास के जोखिम को थोड़ा बढ़ा सकती है, खासकर उन लोगों में जो पहले से ही मधुमेह के प्रति संवेदनशील होते हैं। लेकिन, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि केवल सफेद चावल का सेवन ही मधुमेह का कारण नहीं बन सकता है।
चावल खाने से कैसे बढ़ता है डायबिटीज
डायबिटीज रोगियों के लिए चावल का सेवन एक जटिल विषय है। चावल में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक होती है, जो रक्त शर्करा के स्तर को प्रभावित कर सकती है। अधिक मात्रा में चावल का सेवन डायबिटीज के रोगियों में रक्त शर्करा के स्तर को अनियंत्रित कर सकता है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी जटिलताएं हो सकती हैं।एक्सपर्ट्स भी इस बात पर जोर देते हैं कि चावल में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक होती है, जिसके ज्यादा सेवन से शरीर में शुगर का स्तर बढ़ सकता है। इसलिए, डायबिटीज के रोगियों को रोजाना चावल खाने से बचना चाहिए।
इससे बचने के लिए क्या करना चाहिए
सफेद चावल के बजाय भूरे चावल या ब्राउन राइस का सेवन करें, क्योंकि इनमें फाइबर और पोषक तत्व अधिक होते हैं जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। कम मात्रा में चावल का सेवन करें। एक कटोरी से अधिक न खाएं। चावल को सब्जियों और दाल के साथ खाएं। प्रोटीन और फाइबर से भरपूर भोजन रक्त शर्करा के स्तर को धीरे-धीरे बढ़ाता है। कम GI वाले चावल का चयन करें, जैसे बासमती चावल। नियमित व्यायाम करें, स्वस्थ वजन बनाए रखें, और तनाव को कम करें।
(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)