Health insurance: आजकल की जीवनशैली में बढ़ती बीमारियों और उच्च चिकित्सा खर्चों के मद्देनजर, हेल्थ इंश्योरेंस ने अपना एक महत्वपूर्ण स्थान बना लिया है। हाल ही में हुए एक सर्वे के अनुसार, भारत के नागरिकों में 70% का हेल्थ इंश्योरेंस का समर्थन मिल रहा है, वहीं जिसमें अधिकांश लोग कैशलेस क्लेम और बीमा से उत्पन्न होने वाले खर्चों की सुरक्षा के लिए जागरूक हैं। ऐसे में हमें हेल्थ इंश्योरेंस के महत्व को समझना चाहिए और उससे जुडी जानकारियों के बारे में पता होना चाहिए।
इसके प्रति सामाजिक दृष्टिकोण क्या है?
दरअसल फोर्ब्स की माने तो, भारत में तकरीबन 51 करोड़ लोगों के पास हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम्स उपलब्ध हैं, लेकिन यह देश की कुल आबादी का मात्र 37 फीसदी ही हिस्सा हैं। हालांकि नीति आयोग ने भी कम लागत वाले स्वास्थ्य बीमा की जरूरत का सुझाव लोगों को दिया है। वहीं नीति आयोग ने बताया है कि लगभग 30% या 42 करोड़ आबादी किसी भी स्वास्थ्य बीमा से वंचित है।
जानकारी के अनुसार इससे पहले के एक साल में हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के प्रीमियम में लगभग 10 से 25% की वृद्धि देखि गई है। एक नई रिपोर्ट के अनुसार, हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम और बढ़ने की संभावना भी जताई जा रही है।
हेल्थ इंश्योरेंस का क्या महत्व है:
हालांकि यह सर्वे यह साबित करता है कि हेल्थ इंश्योरेंस न केवल लोगों की सेहत को सुरक्षित रखने में ही मदद करता है, बल्कि इससे उन्हें आने वाली खर्चों से मुक्ति भी मिलती है। दरअसल भारत की ही बात करें तो हर व्यक्ति की कमाई का 10 प्रतिशत हिस्सा उसके हेल्थ पर यानि दवाइयों व हॉस्पिटल के खर्चों में होता है। ऐसे में स्वास्थ के साथ साथ हेल्थ इंश्योरेंस आर्थिक स्थिति को भी ठीक रखने में मदद करता है।
हेल्थ इंश्योरेंस के लाभ:
दरअसल हेल्थ इंश्योरेंस का एक बड़ा लाभ यह है कि इससे लोग अपनी सेहत की सुरक्षा के साथ-साथ आने वाले मेडिकल खर्चों का भी सामना कर सकते हैं, और इससे उन्हें आर्थिक बोझ कम होता है। इस सर्वे ने दिखाया है कि हेल्थ इंश्योरेंस लोगों के बीमा की दृष्टि से नहीं, बल्कि स्वास्थ्य और आर्थिक सुरक्षा के दृष्टि से क्यों जरूरी है। नीति आयोग ने भी स्वास्थ्य बीमा की लागत को कम करने और ज्यादा लोगों को इस सुविधा से जोड़ने के लिए कई सुझाव दिए हैं।