Health: डिमेंशिया का जोखिम बताएंगी आपकी आंखें, रिसर्च में बड़ा खुलासा

Health: डिमेंशिया जैसी गंभीर बीमारी का शुरुआती पता लगाने के लिए अब आपकी आंखें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। हाल ही में हुई एक रिसर्च में यह बड़ा खुलासा हुआ है कि आपकी आंखों की स्थिति और कुछ विशेषताओं के आधार पर डिमेंशिया के जोखिम का अनुमान लगाया जा सकता है।

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Health: आंखें न सिर्फ हमारी दुनिया को देखने का द्वार हैं, बल्कि वे हमारे शरीर की भी एक खिड़की हैं। हाल के शोध ने इस बात को और पुख्ता किया है कि आंखों की समस्याएं हमारे भविष्य के स्वास्थ्य के बारे में महत्वपूर्ण संकेत दे सकती हैं। डिमेंशिया जैसी गंभीर बीमारी के शुरुआती लक्षणों में आंखों की रोशनी कम होना और अन्य नेत्र संबंधी समस्याएं शामिल हो सकती हैं। यह खोज इस बात को रेखांकित करती है कि आंखों की नियमित जांच कितनी महत्वपूर्ण है। न केवल यह हमें दृष्टि दोषों को ठीक करने में मदद करती है, बल्कि यह गंभीर बीमारियों का पता लगाने में भी सहायक होती है।

नॉरफ़ॉक, इंग्लैंड में हुए एक व्यापक अध्ययन ने डिमेंशिया के शुरुआती संकेतों पर रोशनी डाली है। इस अध्ययन में 8,623 स्वस्थ व्यक्तियों को कई वर्षों तक देखा गया। अध्ययन के अंत तक, लगभग 537 प्रतिभागियों में डिमेंशिया विकसित हो गया था। दिलचस्प बात यह है कि डिमेंशिया से पीड़ित व्यक्तियों में अध्ययन की शुरुआत में दृश्य गति को धीरे-धीरे ट्रैक करने में कठिनाई देखी गई थी। यह संकेत देता है कि दृश्य प्रसंस्करण में होने वाली यह समस्या डिमेंशिया का एक प्रारंभिक संकेत हो सकती है। अल्जाइमर रोग, जो डिमेंशिया का एक प्रमुख कारण है, में भी ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होती है, जिससे दृश्य गति को ट्रैक करने में मुश्किल होती है। यह ध्यान भटकाने वाली उत्तेजनाओं को अनदेखा करने में असमर्थता के कारण होता है, जो ड्राइविंग जैसी गतिविधियों में खतरा बढ़ा सकती है।

चेहरे की पहचान में दिक्कत

अध्ययनों से यह बात सामने आई है कि डिमेंशिया से पीड़ित व्यक्ति अक्सर नए लोगों के चेहरों को पहचानने में कठिनाई महसूस करते हैं। यह समस्या उनके लिए सामाजिक अंतःक्रियाओं को चुनौतीपूर्ण बना देती है। जब वे किसी नए व्यक्ति से मिलते हैं, तो उन्हें यह समझने में मुश्किल होती है कि वे किस तरह की बातचीत शुरू करें क्योंकि वे उस व्यक्ति को पहचान नहीं पाते हैं। इसके विपरीत, स्वस्थ व्यक्ति एक बार किसी को पहचान लेने के बाद उस व्यक्ति के साथ सामान्य रूप से बातचीत कर सकते हैं। डिमेंशिया में यह कठिनाई मस्तिष्क के उन क्षेत्रों में क्षति के कारण होती है जो चेहरे की पहचान और सामाजिक संकेतों को समझने के लिए ज़िम्मेदार होते हैं।

डिमेंशिया के लक्षण

डिमेंशिया से ग्रस्त व्यक्तियों में अक्सर चेहरे की पहचान करने में कठिनाई होती है। यह स्थिति उनके लिए अपने आसपास के लोगों को पहचानना मुश्किल बना देती है, खासकर उन लोगों को जिन्हें वे हाल ही में मिले हैं। यह समस्या उनके लिए सामाजिक अंतःक्रियाओं को चुनौतीपूर्ण बना सकती है, क्योंकि वे अक्सर भ्रमित महसूस करते हैं और यह नहीं समझ पाते कि किस तरह की बातचीत शुरू करें।

 

 

 


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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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