असहनीय हो रहा है बाल तोड़ का दर्द, इन नुस्खों से पाएं दर्द से छुटकारा

Pooja Khodani
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हेल्थ, डेस्क रिपोर्ट। बाल तोड़ शुरूआत में आम फोड़े फुंसियों की तरह दिखाई देता है, लेकिन जैसे जैसे दर्द बढ़ता है ये समझ में आ जाता है कि ये सामान्य नहीं है। जब कोई बाल अचानक जड़ से टूट जाता है तब बाल तोड़ की स्थिति बनती है।इस वजह से जो घाव होता है उसमें कई बार बैक्टीरियल इंफेक्शन हो जाता है, जो धीरे धीरे बढ़ने लगता है।

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इस वजह से बाल तोड़ वाली जगह पर सहन न होने वाला दर्द होने लगता है। साथ ही बुखार भी आ जाता है।वैसे इस बाल तोड़ से निपटने की कोई श्योर शॉट दवा नहीं है, लेकिन आप कुछ खास घरेलू नुस्खे आजमा कर बाल तोड़ के अहसनीय दर्द से राहत पा सकते हैं।

6 घरेलु नुस्खें

हल्दी- हल्दी में एंटी बैक्टीरियल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण तो होते ही हैं। आप दूध के साथ हल्दी मिलाकर पिएं तो जख्म जल्दी भरते हैं और अगर चाहें तो हल्दी में अदरक मिलाकर लेप तैयार करें। उस लेप को फोड़े पर लगा लें। शुरूआत में जलन होगी लेकिन धीरे धीरे आराम मिलने लगेगा।

प्याज- प्याज में भी एंटसेप्टिक प्रॉपर्टीज होती हैं, जो इंफेक्शन को कम करती हैं। कच्ची प्याज नियमित रूप से खाने से इस तरह के इंफेक्शन जल्दी ठीक होते हैं और दर्द से राहत भी मिलती है।

लहसुन- एंटी बैक्टीरियल, एंटी माइक्रोबियल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर लहुसन का पेस्ट आप फोड़े पर लगा सकते हैं। इससे होने वाली जलन बर्दाश्त न हो तो लहसुन की कली को सेंक कर उसे भी फोड़े पर लगा सकते हैं।

नीम-नीम की किटाणुओं से लड़ने की ताकत सब जानते हैं, इसकी पत्तियों का पेस्ट बनाकर घाव पर लगाने से फोड़ा जल्दी ठीक होता है। चाहें तो पानी में पत्तियां उबालकर इसी पानी से नहाएं।

टी ट्री ऑयल-इस तेल में रूई भिगोएं।  इस रूई को फोड़े पर रख लें और कपड़ा बांध लें।  बस ये ध्यान रखें कि रूई पूरे समय न बंधी रहें। कम से कम पांच पांच घंटे में रूई बदलते रहें, इसस हीलिंग की प्रोसेस तेज होगी।

कलौंजी- कलौंजी के बीजों को पीसकर पेस्ट तैयार करें। इसे फोड़ों पर लगाएं।इसके बदले आप कलौंजी के तेल का भी उपयोग कर सकते हैं।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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