इस भीषण गर्मी में लू से कैसे बचें, जानिए डॉक्टर विकास मिश्रा से लक्षण, बचाव और उपचार

देश के अधिकांश हिस्सों में भीषण गर्मी पड़ रही है। मध्य प्रदेश में भी सूरज का क़हर जारी है। ऐसे में लू लगने का अंदेशा भी बढ़ जाता है। इसलिए ज़रूरी है कि घर से बाहर निकलते समय एहतियात बरती जाए। ऐसे समय बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और बीमार लोगों को अपना ख़ास खयाल रखने की ज़रूरत है।

Symptoms and prevention of heat stroke : “लू लगना” भारत में गर्मी के मौसम में होने वाली एक आम समस्या है, जिसे हीट स्ट्रोक या हीट एग्जॉस्ट कहा जाता है। यह तब होता है जब व्यक्ति तेज और गर्म हवाओं के संपर्क में आता है, जिसे आमतौर पर ‘लू’ कहा जाता है। ये हवाएं उत्तर और मध्य भारत में गर्मियों के दौरान बहुत सामान्य होती हैं और बहुत अधिक तापमान वाली होती हैं।

सामान्य परिस्थितियों में, शरीर खुद को पसीना आने और त्वचा से गर्मी को बाहर कर के ठंडा करता है। हीट स्ट्रोक के दौरान, ये तंत्र विफल हो सकते हैं। यदि हवा में आद्रता अधिक है, तो पसीना जल्दी से वाष्पित नहीं होगा, जिससे शरीर जल्दी गर्मी छोड़ नहीं पाता। हीट स्ट्रोक बढ़ने के साथ, यह कई अंगों में कोशिकाओं की क्षति कारण बन सकता है, जिसमें गुर्दे, यकृत, मस्तिष्क, और हृदय शामिल हैं। केंद्रीय तंत्रिका प्रणाली भी प्रभावित हो सकती है। 

लू के लक्षण 

  1. तेज सिरदर्द
  2. चक्कर आना
  3. मुंह सूखना और अत्यधिक प्यास लगना
  4. उल्टी या मतली आना
  5. दिल की धड़कन तेज होना 
  6. शरीर का तापमान बढ़ जाना
  7. थकान महसूस होना
  8. मांसपेशियों में दर्द या ऐंठन

बचाव के उपाय

1. गर्मी के दिनों में धूप में बहुत देर तक न रहें।धूप में निकलते समय सनस्क्रीन लगाएं, चौड़ी ब्रिम वाली हैट पहनें, और सनग्लासेस का इस्तेमाल करें।

2. हल्के रंग के, ढीले-ढाले और सूती कपड़े पहनें जो पसीने को आसानी से सोख सकें और शरीर को ठंडा रखें। तंग या सिंथेटिक कपड़े से बचें।

3. छाया में रहने की कोशिश करें और शरीर को ठंडा रखें।

4. नियमित रूप से पानी पीएं और नारियल पानी, छाछ, और सादा शिकंजी या ORS जैसे पेय पदार्थ पीएं जो कि प्राकृतिक रूप से हाइड्रेटिंग होते हैं। कैफीन और अल्कोहल युक्त पेय पदार्थों का सेवन कम करें क्योंकि ये डीहाइड्रेशन का कारण बन सकते हैं।

5. भारी भोजन के बजाय हल्का और नियमित भोजन करें जिसमें ताजे फल और सब्जियां शामिल हों, जो हाइड्रेशन में मदद करते हैं।

6. शरीर पर ठंडे पानी की पट्टियां रखना भी शरीर को तापमान नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। यह त्वचा के तापमान को तुरंत कम करने में सहायक होता है।

7. बुजुर्गों, छोटे बच्चों में समस्याएं ज्यादा गंभीर हो सकती हैं। उनका खास ख्याल रखें ।

8. Dehydration से बचें क्योंकि इससे शरीर की पसीना छोड़ने की क्षमता कम हो जाती है और गर्मी का निष्कासन और भी अधिक बाधित होता है।
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डॉ. विकास मिश्रा
एसोसिएट प्रोफेसर
श्वसन चिकित्सा विभाग
गांधी मेडिकल कॉलेज, भोपाल

(ये जानकारी भोपाल के जाने-माने चिकित्सक डॉ. विकास मिश्रा द्वारा दी गई है।)


About Author
श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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