आज देश के पहले वर्टिकल लिफ्ट रेलवे सी ब्रिज का उद्घाटन करेंगे PM मोदी, जानें नए पंबन ब्रिज की खासियतें

आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश का पहला वर्टिकल लिफ्ट रेलवे सी ब्रिज राष्ट्र को समर्पित करने वाले हैं। ये पंबन पुल कई खासियतों से भरपूर है, जो रामेश्वर द्वीप तक आवागमन को सुविधाजनक बनाएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज तमिलनाडु को एक खास तोहफा देने जा रहे हैं। वह तमिल संस्कृति सभ्यता और इतिहास को दर्शाने वाले पंबन ब्रिज को आज राष्ट्र को समर्पित करने वाले हैं। यह समुद्र में बनाया गया देश का पहला वर्टिकल लिफ्ट ब्रिज है जो इंजीनियरिंग का अद्भुत नमूना है। आज रामेश्वरम में पीएम मोदी इसका उद्घाटन करने वाले हैं।

बता दें कि अभी बनाया गया पंबन ब्रिज 1914 में बनाए गए पुराने पंबन ब्रिज की जगह लेने वाला है। यह एक कैंटीलीवर संरचना थी जो रामेश्वर को भारत के मुख्य भूभाग से जोड़ने का काम करती थी। ब्रिज का उद्घाटन करने के साथ पीएम मोदी रामनाथस्वामी मंदिर में पूजन अर्चन भी करने वाले हैं। इसके अलावा वह तमिलनाडु को 8300 करोड़ से ज्यादा की रेल और सड़क परियोजनाओं की सौगात देंगे। चलिए आज आपको देश के इस पहले वर्टिकल लिफ्ट रेलवे समुद्र पुल की खासियत के बारे में बताते हैं।

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पुराने पुल को जगह लेगा पंबन ब्रिज

1914 में पंबन ब्रिज कैंटीलीवर संरचना में तैयार किया गया था जो भारत से रामेश्वर द्वीप को जोड़ने का काम करता है। गुजरते हुए समय के साथ यह कमजोर होता चला जा रहा था और बढ़ते हुए परिवहन के साथ की आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर पा रहा था। समुद्र में बना होने की वजह से यह काफी प्रभावित भी हो गया था। यही कारण रहा की 2019 में केंद्र सरकार ने नए पुल के निर्माण की मंजूरी दी थी, जो अब बनकर तैयार है।

कैसा है वर्टिकल लिफ्ट ब्रिज (India First Vertical Lift Bridge)

  • इस की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह देश का पहला वर्टिकल लिफ्ट रेलवे सी ब्रिज है। इसे तमिलनाडु के पंबन इलाके में पल्क जलडमरूमध्य पर तैयार किया गया है। 2.07 किमी लंबे इस पुल का आज उद्घाटन किया जाएगा।
  • यह पुल समुद्र से लगभग तीन मीटर ऊंचा है, जिसकी वजह से समुद्री कनेक्टिविटी बेहतर स्तर पर बनी रहेगी।
  • इसमें 72.5 मीटर लंबा स्पैन बनाया गया है जो 17 मीटर तक ऊंचा उठ सकता है। इसकी मदद से बड़े जहाज को गुजरने का रास्ता बहुत आसानी से मिल जाएगा।
  • इसे जंग और अन्य नुकसानों से बचाने के लिए स्टेनलेस स्टील जैसी चीजों से तैयार किया गया है। इसी के साथ खास पेंट का इस्तेमाल भी किया गया है,जो इसे खराब होने से बचाएगा।
  • आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर बनाया गया यह ब्रिज 100 साल से ज्यादा समय तक टिका रहेगा। इसका डिजाइन ऐसा है कि यह दो ट्रैक चला सकता है लेकिन फिलहाल एक ही ट्रैक है।
  • यह समुद्री पर्यावरण में होने वाले बदलाव को झेल सके इसके लिए इसे एंटी कोरोसिव कोटिंग्स के उपयोग से बनाया गया है।
  • पुराना ब्रिज खोलने में 45 मिनट का समय लगा करता था अब यह 5 मिनट में खुल जाएगा और 3 मिनट में बंद हो जाएगा।
  • इस पुल पर सिग्नल विंड स्पीड से कनेक्ट किया गया है। दरअसल, कई बार समुद्री हवाएं बहुत तेज होती है। ऐसे में जब भी हवा 50 किलोमीटर की रफ्तार से ऊपर होगी ट्रेन का परिचालन बंद कर दिया जाएगा। सुरक्षा के लिहाज से यह एक महत्वपूर्ण कदम है। इसी के साथ पुल के चारों तरफ हाई रेजोल्यूशन कैमरा लगाए गए हैं जो सारी गतिविधियों पर नजर रखेंगे

रामेश्वर द्वीप पहुंचना हुआ आसान

पंबन ब्रिज रामेश्वर द्वीप को भारत से जोड़ने का काम करता है। यह चार धाम में आने वाले प्रमुख स्थलों में से एक है। पहले पुराने पंबन ब्रिज से लोग यहां आवागमन करते थे। अब 6790 फीट लंबे ब्रिज के जरिए लोग आना जाना कर सकेंगे। इंजीनियरिंग का ये अद्भुत नमूना भारत को दुनिया भर में नई पहचान दिलाने का काम करेगा। आज इस पुल के साथ तमिलनाडु को कई रेलवे और सड़क परियोजनाओं की सौगात भी मिलने वाली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह सारी चीजें राष्ट्र को समर्पित करेंगे।


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Diksha Bhanupriy

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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

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