Mental Health Tips : इस भाग-दौड़ भरी जिंदगी में खुद को मानसिक रूप से स्वस्थ रख पाना बहुत बड़ा चैलेंजिंग काम है। ऐसे में लोग मेंटल हेल्थ जैसी गंभीर समस्याओं को नजरअंदाज करते हैं, जिसका खामियाजा उन्हें आगे चलकर भुगतना पड़ता है। दरअसल, डिप्रेशन एक गंभीर मानसिक समस्या है, जिसमें व्यक्ति लगातार तनाव, उदासी और निराशा महसूस करता है। जिसका असर उसके डेली लाइफ स्टाइल पर भी पड़ता है। साथ ही उसका ध्यान केंद्रित नहीं हो पाता, जिस कारण हर क्षेत्र में उसे नुकसान-ही-नुकसान होता है। किसी भी काम को करने में उसका मन नहीं लग पाता। वहीं, एक मेडिकल स्टडीज में इस बात का खुलासा हुआ है कि किसी चीज की खुशबू आपको मानसिक रूप से स्वस्थ करने में मदद कर सकती है। जी हां, यह बिल्कुल सही है तनाव को कम करने के लिए और किसी चीज को याद करने के लिए खुशबू महत्वपूर्ण योगदान निभाता है।
रिपोर्ट में हुआ खुलासा
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, डिप्रेशन से पीड़ित लोगों में अक्सर याददाश्त की समस्या देखी जाती है। उन्हें कुछ चीजों को याद करने और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होती है। उदाहरण के तौर पर यदि कोई डिप्रेशन से ग्रस्त व्यक्ति ‘पार्टी’ शब्द सुनता है, तो वह इसके नकारात्मक पहलुओं पर ध्यान केंद्रित कर सकता है, जैसे कि उसे पार्टी में बुलाया नहीं किया गया या पार्टी में असहज महसूस होगा। इसके विपरीत, एक नॉर्मल व्यक्ति ‘पार्टी’ शब्द सुनकर सकारात्मक चीजों को याद करेगा, जैसे अपने बचपन की जन्मदिन पार्टी या दोस्तों के साथ बिताए गए खुशहाल पल उन्हें पॉजिटिव एनर्जी देते हैं।
रिसर्च में ये बात आई सामने
किम्बर्ली यंग और उनकी टीम द्वारा ‘JAMA नेटवर्क ओपन जर्नल’ में प्रकाशित रिसर्च के अनुसार, तनाव और डिप्रेशन से पीड़ित लोग कुछ सुगंध के जरिए अपनी याद्दाश्त को सुधार सकते हैं। टीम की रिसर्च में डिप्रेशन से पीड़ित 32 वयस्कों को 24 गंध के नमूने सूंघने के लिए दिए गए, जिनमें लैवेंडर, वेनिला अर्क, जीरा, व्हिस्की, संतरा, रेड वाइन, केचप, जूता पॉलिश, कफ सिरप और कीटाणुनाशक जैसी सुगंध शामिल थीं। इन नमूनों को सूंघने के बाद प्रतिभागियों को इससे जुड़ी किसी मेमोरी को शेयर करने के लिए कहा गया। अध्ययन में पाया गया कि प्रतिभागियों ने सुगंध को सूंघने के बाद उससे जुड़ी पॉजिटिव यादों को याद किया। साथ ही ब्रेन स्कैनर का उपयोग करके यह पता लगाया कि खुशबू तनाव और डिप्रेशन से ग्रसित लोगों के जीवन में किस प्रकार के न्यूरोलॉजिकल बदलाव लाती है।
अध्ययन में पाई गई ये बात
वहीं, इस अध्ययन में पाया गया कि कुछ घटनाओं को याद करने के लिए खुशबू अधिक प्रभावी है। इस रिसर्च के आधार पर यह बात साफ हो चुका है कि मस्तिष्क में सूंघने की क्षमता और याद्दाश्त से संबंधित हिस्से एक-दूसरे से जुड़े होते हैं। उदाहरण के तौर पर अगर किसी व्यक्ति को बचपन में उसकी दादी के घर की खुशबू याद आती है, तो वह खुशबू उसे उन यादों और भावनाओं को ताजा कर देगी, जो उसने उस समय महसूस की थी।
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