Mental Health Tips : लोग दुनिया के साथ चलते-चलते इस कदर व्यस्त हो चुके हैं कि उन्हें खुद का ख्याल नहीं है। ना ही वह समय पर खाना खाते हैं, ना ही समय पर कोई काम करते हैं। जिस कारण वह धीरे-धीरे मेंटल हेल्थ की गंभीर समस्याओं से पीड़ित होते चले जाते हैं। शुरुआती दिनों में उसके लक्षण काफी नॉर्मल होते हैं, जिन्हें वह इग्नोर कर देते हैं, लेकिन कई बार ध्यान न दिए जाने के कारण यह जानलेवा भी साबित होता है। इसकी कई मुख्य वजह है। वहीं, कई बार लोग उदास होने और डिप्रेशन के बीच अक्सर लोग अंतर नहीं समझ पाते क्योंकि दोनों के लक्षण एक जैसे होते हैं, जिस कारण वह डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको उन लक्षणों के बारे में बताएंगे, जिन्हें आपको भूलकर भी इग्नोर नहीं करना चाहिए, वरना आगे चलकर आपको दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। आइए जानते हैं विस्तार से…
डिप्रेशन के लक्षण
- लोगों से बात करने की इच्छा न होना।
- अपने आप को कमतर समझना और गिल्टी फील करना।
- भविष्य को लेकर निराश रहना।
- आत्महत्या के ख्याल आना।
- स्लीप पैटर्न में बदलाव। नींद न आना।
- भूख न लगना।
- हमेशा थकान रहना, ऊर्जा की कमी महसूस होना।
दिमाग को ऐसे रखें खुश
- फोन का कम इस्तेमाल करें।
- स्क्रीन टाइम कम करें।
- टाइम निकालकर थोड़ा टहलें।
- दिनभर में व्यायाम, मेडिटेशन, आदि करें।
- लोगों से बातचीत करें।
- खुद पर ज्यादा प्रेशर न डालें।
- सोने से पहले किताब पढ़ें।
- एक्सपर्ट हेल्प से न घबराएं।
उदासी और डिप्रेशन में फर्क
उदास होने और डिप्रेशन के बीच अक्सर लोग अंतर नहीं समझ पाते। उदासी का कारण आमतौर पर हमें पता होता है, जोकि परिस्थति सही होने के साथ-साथ धीरे-धीरे कम हो जाती है लेकिन डिप्रेशन एक मानसिक स्थिति है जो लंबे समय तक बनी रहती है। इसे खुद से ठीक करना मुश्किल होता है। यह कई सप्ताह, महीनों या फिर कई वर्षों तक चल सकता है।
खुद को खुश रखने के लिए रोज़ाना 30 मिनट तक व्यायाम करें, मेडिटेशन करें, टहलें। इससे तनाव कम होगा और मूड बेहतर होगा। हर रात 7 से 8 घंटे की नींद अवश्य लें। इससे मानसिक स्थिति सही होगी। काम में फोकस हो पाएगा और आप दिनभर ऊर्जावान महसूस कर पाएंगे। अपनी पसंदीदा चीजों को करें, इससे आपका माइंड डाइवर्ट होगा।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)