Mental Health Tips : आजकल भागती दौड़ती भरी जिंदगी में लोग एक-दूसरे को पीछे छोड़ने के लिए इस कदर व्यस्त रहते हैं कि उन्हें सेल्फ केयर का बिल्कुल भी समय नहीं मिल पाता। ऐसे में बितती उम्र के साथ उनका दिमाग भी काम करना धीरे-धीरे कम कर देता है। वहीं, देर रात में सोने से हमारी मेंटल हेल्थ पर प्रभाव पड़ता है। इससे लोग स्ट्रेस, डिप्रेशन जैसी समस्याओं से घिर सकते हैं। इसके अलावा, देर रात सोने से समय पर उठने में भी परेशानी हो सकती है। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको नीद और मेंटल हेल्थ के बीच संबंध को बताएंगे। आइए जानते हैं विस्तार से…
हो जाएं सावधान
- लंदन में स्थित इंपीरियल कॉलेज में एक रिसर्च के दौरान पाया गया कि नींद और मानसिक स्वास्थ्य के बीच गहरा संबंध। इसके लिए उन्होंने 73,888 व्यक्तियों का अध्ययन किया, जिनमें से सभी न्यूनतम 7 घंटे की नींद लेते थे। इस अध्ययन से साफ हुआ कि वे लोग जो रात के 1 बजे से पहले सोते थे, उनकी मानसिक स्थिति अधिक स्वस्थ थी। वहीं, जो लोग देर रात तक जागते रहते थे, वह अधिक मेंटल हेल्थ की समस्या से ग्रसित थे।
- बता दें कि देर रात तक सोने से हमारी मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ता है। जो लोग छह घंटे से अधिक की नींद लेते हैं वह हमेशा स्वास्थ्य रहते हैं, जबकि पर्याप्त नींद की कमी से सारी समस्याएं उत्पन्न होती है।
- इसके अलावा, मेलाटोनिन हार्मोन की कमी भी मुख्य कारण हो सकती है जिससे लोग देर रात तक सोते हैं, क्योंकि यह हार्मोन नींद की साइकिल को रेगुलेट करता है।
- दरअसल, हमारा शरीर 24 घंटे की नेचुरल साइकिल पर काम करता है, जिसे सर्केडियन रिदम के नाम से जाना जाता है। बता दें कि यह साइकिल हमारी डेली लाइफ को कंट्रोल करती है। समय-समय पर सर्केडियन रिदम में मौजूद हर्मोनल चेंजेस होते रहते हैं। वहीं, इस साइकिल के बिगड़ जाने या नींद की समस्या होने से देर रात तक जागना आदि की समस्या सामने आती है।
- नींद की कमी से व्यक्ति की मानसिक स्थिति पर भी बुरा असर पड़ता है। अध्ययनों में पाया गया है कि अगर नींद पूरी नहीं होती है तो व्यक्ति चिंतित, थका हुआ और अधिक स्ट्रेस से पीड़ित हो जाता है।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)