Mental Health Tips: पानी के सामने जाते ही दिल की धड़कनें हो जाती है तेज, Aquaphobia के हो सकते हैं लक्षण

यह डर इतना भारी हो सकता है कि यह व्यक्ति के सामान्य कामकाज को बाधित कर सकता है और उसके दैनिक जीवन में भी बाधा डाल सकता है।

Sanjucta Pandit
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Mental Health Tips : परिवार की जिम्मेदारी के साथ-साथ खुद का ख्याल रख पाना कहां संभव हो पाता है। लोग जिम्मेदारियां की बोझ के तले इस कदर दबते चले जाते हैं कि वह धीरे-धीरे मेंटल हेल्थ की गंभीर समस्याओं से पीड़ित हो जाते हैं। शुरुआती दिनों में उन्हें इसका कोई अंदाजा नहीं होता, लेकिन समय जैसे-जैसे बितता है और अधिक मानसिक रूप से प्रताड़ित होते चले जाते हैं। जिस कारण उन्हें एंजायटी, स्ट्रेस या फिर डिप्रेशन जैसी समस्याओं का शिकार होना पड़ता है। शुरुआती दिनों में अगर इस पर ध्यान ना दिया जाए, तो आगे चलकर यह जानलेवा भी साबित हो सकता है। ऐसे में इंसान को काफी ज्यादा प्रॉब्लम झेलनी पड़ती है। उन्हें खुद से डर लगने लगता है, वह किसी से बात करने से पहले हिचकिचाते हैं। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको एक्वाफोबिया (Aquaphobia) के बारे में बताएंगे, जोकि एक प्रकार का फोबिया है। जिसमें व्यक्ति को पानी का गहरा डर होता है। इससे मानसिक स्थिति तक बिगड़ जाती है। यह डर इतना भारी हो सकता है कि यह व्यक्ति के सामान्य कामकाज को बाधित करता है और उसके दैनिक जीवन में भी बाधा डालता है। आइए जानते हैं इसको लक्षण और बचाव के उपाय…

Mental Health Tips: पानी के सामने जाते ही दिल की धड़कनें हो जाती है तेज, Aquaphobia के हो सकते हैं लक्षण

लक्षण

  • पानी के पास जाने पर व्यक्ति के दिल की धड़कन तेज हो जाती है।
  • व्यक्ति की हथेलियां पसीने से तर हो जाती हैं।
  • व्यक्ति को सांस लेने में कठिनाई महसूस होती है।
  • पानी के पास होने पर व्यक्ति को पैनिक अटैक आ सकता है।
  • व्यक्ति समुद्र की लहरों से भी डर सकता है।
  • कुछ लोगों को नहाते समय भी डर महसूस हो सकता है।

बचाव के उपाय

  • पूल में जाने से पहले गहरी सांस लें और खुद को शांत करें। पूल के किनारे या रेलिंग को पकड़कर खुद को स्थिर करें। एक हाथ से रेलिंग या किनारा पकड़ें और दूसरे हाथ से अपनी नाक को दबाएं। धीरे-धीरे अपना चेहरा पानी में डुबोएं। पहले इसे कुछ सेकंड के लिए करें और फिर धीरे-धीरे इस समय को बढ़ाएं। जब आप अपने चेहरे को पानी के नीचे रखने में सहज हो जाएं, तो अपनी नाक को दबाए बिना पानी में बुलबुले बनाने की कोशिश करें। धीरे-धीरे अपनी नाक और मुंह से हवा छोड़ें, ताकि बुलबुले बन सकें। यह आपको पानी के भीतर सांस लेने के डर को कम करने में मदद करेगा।
  • अगर आपको मैं डूब जाऊंगा” या “मैं पानी में सांस नहीं ले पाऊंगा” जैसे विचार आते हैं, तो इन नकारात्मक विचारों को चुनौती दें। इससे आप धीरे-धीरे एक्वाफोबिया पर काबू पा सकते हैं।
  • पूल के पास कुछ मिनटों के लिए खड़े होकर अपने आसपास के वातावरण को परख लें। इसके अलावा, पूल के किनारे बैठकर पैरों को पानी में डालें। फिर धीरे-धीरे कमर तक पानी में खड़े होकर धीरे-धीरे चलें। पानी में हल्के हाथ से तैरने की कोशिश करें। इससे आप आप धीरे-धीरे और स्थिर रूप से एक्वाफोबिया पर काबू पा सकते हैं।
  • इससे बचाव के लिए आप ग्रेडेड एक्सपोजर थेरेपी की भी मदद ले सकते हैं। जिसमें व्यक्ति धीरे-धीरे अपने डर का सामना करता है और उसे सहने की आदत डालता है। पानी के पास जाने से गहरी सांस लें और ध्यान लगाएं। अगर संभव हो तो किसी दोस्त या परिवार के सदस्य के साथ जाएं। अगर आपका डर बहुत ज्यादा है और आप खुद से इस प्रक्रिया को पूरा नहीं कर पा रहे हैं, तो प्रोफेशनल थेरेपिस्ट की मदद लें।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)


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Sanjucta Pandit

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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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