Mental Health Tips : भारत में मेंटल हेल्थ समस्याओं के बढ़ते हुए मामलों का मुद्दा बहुत महत्वपूर्ण है। दरअसल, इन दिनों डिप्रेशन एक मुख्य मामला है, जिसका सीधा प्रभाव व्यक्ति की नींद पर भी पड़ता है। ऐसे व्यक्ति को नींद में समस्या हो सकती है। बिस्तर में जाने से पहले उन्हें बहुत ज्यादा नींद आती है, लेकिन बेड पर जाने के बाद नींद कहीं गायब हो जाती है। इसका मुख्य कारण चिंता, उदासी और तनाव हो सकता है। जिस कारण लोगों की नींद पर गहरा प्रभाव देखने को मिल रहा है। स्लीप एंग्जाइटी और डिप्रेशन के लक्षण एक दूसरे से अलग होते हैं, लेकिन कई बार ये दोनों समस्याएं एक-दूसरे को प्रभावित करती हैं। स्लीप एंग्जाइटी से ग्रस्त व्यक्ति को नींद ना आना, नींद के दौरान बार-बार जागना, आदि शामिल है। इसका असर इंसान की डेली लाइफस्टाइल और मानसिक स्थिति पर असर पड़ता है। आइए जानते हैं विस्तार से…
जानें इसके लक्षण
- स्लीप एंग्जाइटी के लक्षण में नींद से जुड़ी चिंताएं और डर होते हैं। इसके कारण व्यक्ति सोते समय तनावग्रस्त रहता है।
- उन्हें नींद आने में दिक्कत होता है और नींद को दौरान बार-बार उठने की समस्या हो जाती है।
- जब व्यक्ति सोते समय तनावग्रस्त होता है, तो उनकी हृदय गति तेज हो जाती है।
- सोते समय पसीना आना भी स्लीप एंग्जाइटी के लक्षणों में से एक है।
- इस कारण लोगों का ध्यान केंद्रित नहीं हो पाता है। वह दिन-प्रतिदिन चिड़चिड़े होने लगते हैं।
बचाव के उपाय
- मेडिटेशन करें
- योग करें
- सही डाइट लें
- सोशल वर्क करें
- टहलें
- पसंदीदा काम करें
- कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)