Mental Health Tips: खुद पर होने लगे शक, इंपोस्टर सिंड्रोम का हो सकता है लक्षण, जानें बचाव के 5 उपाय

इंपोस्टर सिंड्रोम एक मानसिक स्थिति है जिसमें व्यक्ति अपनी उपलब्धियों को कम आंकता है और उसे लगता है कि वह धोखाधड़ी कर रहा है। यह एक ऐसी बीमारी है, जिसे डॉक्टर भी आसानी से नहीं पकड़ पाते।

Sanjucta Pandit
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Mental Health Tips : अक्सर लोग बदलती लाइफस्टाइल के कारण तेजी से डिप्रेशन जैसी समस्याओं का शिकार हो रहे हैं। ऐसे में उन्हें यह बेहद आम समस्या लगती है, लेकिन आगे चलकर यह जानलेवा भी साबित हो सकता है। वहीं, जब व्यक्ति खुद को शक की निगाहों से देखने लगे, उसका सेल्फ कॉन्फिडेंस खत्म हो जाए और वह नेगेटिव बातें करने लगे, तो वह इंपोस्टर सिंड्रोम का शिकार हो सकता है। दरअसल, यह एक गंभीर मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम है। जिसके कारण व्यक्ति आगे चलकर एंजायटी और डिप्रेशन का भी शिकार हो सकते हैं। इंपोस्टर सिंड्रोम एक मानसिक स्थिति है जिसमें व्यक्ति अपनी उपलब्धियों को कम आंकता है और उसे लगता है कि वह धोखाधड़ी कर रहा है। यह एक ऐसी बीमारी है, जिसे डॉक्टर भी आसानी से नहीं पकड़ पाते। इस कारण उनके काम और रिश्ते पर इसका गहरा प्रभाव देखने को मिलता है। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको इंपोस्टर सिंड्रोम के लक्षण और इससे बचने के उपाय बताएंगे।

Mental Health Tips: खुद पर होने लगे शक, इंपोस्टर सिंड्रोम का हो सकता है लक्षण, जानें बचाव के 5 उपाय

लक्षण

  • खुद को धोखेबाज मानना
  • खुद की आलोचना करना
  • अधिक मेहनत करना
  • सफलता का श्रेय दूसरों को देना
  • असफलता का भय
  • छोटी-छोटी गलतियों के लिए भी खुद को दोषी मानता है
  • सफलता की खुशी नहीं मनाना

उपाय

  • इंपोस्टर सिंड्रोम से बचने के लिए आप कैसा महसूस कर रहे हैं और कब आपके दिमाग में क्या चलती है। इन सारी चीजों को अपने करीबी या फिर परिवार से शेयर करें क्योंकि अधिकतर नेगेटिव थॉट्स तभी मन में आने लगते हैं। जब आप कोई बात किसी से छुपाते हैं, इसलिए कोशिश करें कि अपनी बातों को शेयर करें।
  • हमेशा दूसरों की मदद करने का प्रयास करें। इससे आपका कॉन्फिडेंस लेवल बढ़ेगा, जिससे आपको इंपोस्टर सिंड्रोम की समस्या से राहत मिलेगी।
  • अगर आपको खुद पर शक होने लगे और आप अपनी उपलब्धियां पर निराश होने लगे, तो उसका मूल्यांकन करें। अपनी जितनी भी उपलब्धि है, उसके बारे में लिखें। साथ ही उसकी तुलना करते हुए खुद से ही यह पता लगे कि इसमें आपने क्या बेहतर किया था। इससे आप इंपोस्टर सिंड्रोम की समस्या से बच सकते हैं।
  • काम को सही तरीके से फोकस्ड करें, इससे आपका काम करने में मन लगेगा और जब मन डिस्ट्रक्ट नहीं होगा, तो आप अपने आप इंपोस्टर सिंड्रोम की समस्या से छुटकारा पा लेंगे।
  • जब भी आपके मन में कोई भी सवाल जवाब चले, तो बेहतर है कि जिस मुद्दे पर आप चिंतित हैं उसके बारे में अधिक-से-अधिक जानकारी हासिल करें। साथ ही अगर वह किसी व्यक्ति से जुड़ा है, तो आप उस व्यक्ति से खुलकर बातचीत करें।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)


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Sanjucta Pandit

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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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