Relationship Tips : दिल टूटने पर इस तरह खुद को संभालें, ये है कुछ जरूरी टिप्स

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। प्यार में दिल टूटना कितना खतरनाक होता है..ये हम सभी ने कभी न कभी महसूस किया होगा। जब प्रेम में दिल टूटता है तो व्यक्ति का जैसे जिंदगी से भरोसा भी उठ जाता है। कुछ अच्छा नहीं लगता, खाने पीने, घूमने, दोस्तों से बात करने का मन नहीं करता। कई बार तो मेडीकल कंडीशन बन जाती है और टूटा शख्स डिप्रेशन, एनजाएटी का शिकार हो जाता है। ऐसे में खुद को बचाए रखने और मानसिक बीमारियों से दूर रखने के लिए सही समय पर कोशिशें की जानी जरूरी हैं। आईये आपको बताते हैं कि दिल टूटने पर किस तरह से खुद को संभालें।

  • सबसे पहले खुद को अकेला न करें। दिल टूटने पर जो पहला काम हम करते हैं वो ये कि सारी दुनिया से खुद को काट लेते हैं। ये सबसे खतरनाक बात है। ऐसी स्थिति में अकेला महसूस करना अलग बात है लेकिन खुद को अलग थलग कर लेना दूसरी बात। सबसे पहले तो अपने दोस्तों से मिलते रहिये। नजदीकी दोस्त से अपने दिल का हाल शेयर कीजिये और उसकी सलाह मांगिये। ऐसे में अपना दिमाग काम करना बंद कर देता है इसलिए करीबी और भरोसेमंद दोस्तों, रिश्तेदारों कीी मदद लीजिये। अपने काम पर लगातार जाइये और खुद को बिजी रखने की कोशिश कीजिये।
  • दिल टूटने पर हम अपना भरोसा खो देते हैं। दुनिया से भरोसा उठने के साथ ही आत्मविश्वास भी कम होने लगता है। हम लोगों से मिलने से घबराते हैं और महसूस करते हैं कि अब कोई भी काम ठीक से नहीं कर पाएंगे। ऐसे हालात बनने पर सबसे पहले खुदपर विश्वास बनाए रखिये। याद रखिये कि आपने किसी का बुरा नहीं किया है और ये भी एक दौर है जो गुजर जाएगा।
  • अपनी रूचि और हॉबी वाले काम को ज्यादा समय दीजिये। म्यूजिक, पेंटिंग, घूमना, दोस्तों से मिलना, बागवानी, कविता कहानी, थियेटर, फिल्में..जिनमें आपका मन लगे वो सारे काम कीजिये। संभव हो तो किसी प्राकृतिक स्थल पर घूमने निकल जाइये। घूमना हमें भीतर से समृद्ध करता है और हम जानते हैं कि दुनिया में कितना कुछ अद्भुत है। पढ़ने की आदत डालिये, पढ़ने से भी हम हमेशा सीखते हैं। आप कुछ नई क्लासेस जॉइन कर सकते हैं या फिर नया शौक अपना सकते हैं। इस तरह आपका दिमाग डायरवर्ट होगा और तकलीफ कम महसूस होगी।
  • ब्रेकअप के बाद पुरानी यादों की जुगाली बंद कीजिये। ये यादें आपको और अवसाद में ले जाएंगी। कोशिश कीजिये कि ऐसी स्मृतियों को भुला दिया जाए। उनकी जगह पर नई स्मृतियां बनाइये। कोशिश करने से धीरे धीरे पुरानों यादों पर नए अनुभव चढ़ जाएंगे और फिर यादें आपको दर्द देना बंद कर देंगी।
  • किसी एक से मिले धोखे या बेवफाई के कारण सारी दुनिया पर भरोसा करना मत छोड़िये। इसी दुनिया में आपके घरवाले, दोस्त और ऐसे लोग हैं जो आपसे बेहद प्रेम करते हैं। उस प्रेम की खातिर खुद को फिर से खड़ा कीजिये और अपने लिए नई राह चुनिये। सुखी रहना आपका भी अधिकार है और इसके लिए अपनी मानवीय भावनाओं पर भरोसा करना मत छोड़िये।
  • कभी भी नकारात्मकता को खुद पर हावी न होने दें। अपनी सोच को पॉजिटिव रखिये और इस मंत्रा पर भरोसा कीजिये कि ये समय भी गुजर जाएगा। सुख या दुख कभी भी स्थायी नहीं होते और केवल उस समय को थोड़े धैर्य के साथ निकालना होता है। अपनी सोच और विचारों को सकारात्मक दिशा की ओर मोड़ें।
  • रोना कमजोरी नहीं होता..अगर आपको रोना आ रहा है तो रोकर उस गुबार को बह जाने दीजिए। अगर सोने से राहत मिल रही है तो भरपूर नींद लीजिये। जो भी बात मन को हल्का करती हो, वो कीजिये। लेकिन इसके बाद भी अगर आपको महसूस होता है कि स्थिति नियंत्रण से बाहर हो रही है तो किसी विशेषज्ञ की सलाह लीजिये। मनोचिकित्सक या काउंसल से मिलने में कोई हर्ज नहीं है। ये आपकी हेल्प के लिए ही है प्रोफेशनल हेल्प लेने में कभी मत हिचकिचाइये।

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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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