Mental Health Tips : भागदौड़ भरे इस जीवन में खुद को लोगों के साथ चलाना भी बहुत चैलेंजिंग काम है क्योंकि लोग इतनी तेजी से टेक्नोलॉजी की दिशा में आगे बढ़ते हैं कि वह पीछे अपनी मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को छोड़ते चले जाते हैं। इसकी मुख्य वजह बदलती हुई लाइफस्टाइल है, जिसमें नींद की कमी, पानी की कमी सहित अन्य बहुत से कारक शामिल है। शुरुआती दिनों में मेंटल हेल्थ जैसी गंभीर समस्याओं को लोग आसानी से इग्नोर कर देते हैं, लेकिन धीरे-धीरे यह उनके लिए जानलेवा भी साबित हो सकता है। अगर आपको भी एंजायटी, डिप्रेशन या फिर स्ट्रेस जैसी समस्या हो, तो इसे बिना नजर अंदाज किए हुए चिकित्सक के संपर्क में आए। इसके अलावा, अगर आपको इसके कुछ लक्षण दिखाई देते हैं, तो आपको फौरन कुछ घरेलू टिप्स भी अपनाना चाहिए, ताकि आप इस समस्या से निजात पा सके।
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- दरअसल, 10 घंटे लगातार बैठे रहने से इंसान के दिमाग पर इसका बुरा असर पड़ता है। हैदराबाद के यशोदा हॉस्पिटल के न्यूरो फिजिशियन कंसल्टेंट डॉक्टर शिवराम राव ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि दिन में 10 घंटे तक लगातार बैठे रहना दिमाग पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। इससे न केवल शारीरिक स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है, बल्कि दिमाग के कार्य क्षमता और मेंटल हेल्थ पर भी इसका असर देखने को मिलता है। लगातार बैठे रहने से शरीर में रक्त का प्रभाव कम हो जाता है, जिससे किसी भी कार्य में ध्यान केंद्रित करने और सोचने की क्षमता कम हो जाती है। इससे मानसिक थकाव, तनाव और अन्य समस्याएं उत्पन्न होती है।
- इसके अलावा, लंबे समय तक बैठे रहने से कैलोरी बर्न कम हो जाता है, जिससे वजन बढ़ने लगता है और मोटापा का खतरा बढ़ जाता है। वहीं, कंटिन्यू बैठे रहने से हार्ट की समस्या भी बढ़ सकती है क्योंकि यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाता है, जिससे रक्त में शर्करा की मात्रा प्रभावित हो जाती है। मांसपेशियों और जोड़ों में अकड़न और दर्द हो जाता है। जिस कारण पीठ दर्द, गर्दन में खिंचाव और कंधे में तनाव हो सकता है। पाचन प्रक्रिया धीमी हो जाती है, जिससे कब्ज, अपच और अन्य पेट से जुड़ी समस्याएं हो सकती है। लगातार बैठे रहने से स्ट्रेस, चिंता, डिप्रेशन की संभावना बढ़ जाती है।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)