खाट पर हेल्थ सिस्टम! मरीज ​​​​​को नहीं मिली एंबुलेंस, परिजन इलाज के लिए महिला को चारपाई पर लेकर पहुंचे अस्पताल

यह घटना न केवल प्रशासन की नाकामी को उजागर करती है, बल्कि राज्य की प्राथमिक चिकित्सा सेवाओं पर भी प्रश्न खड़े करती है।

Amit Sengar
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Chhatisgarh News : देश की आजादी के 78 साल बाद भी छत्तीसगढ़ के कई ग्रामीण इलाकों में बुनियादी सुविधाए कोसों दूर हैं। ग्रामीण आज भी सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य जैसी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। ऐसा ही मामला प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के विधानसभा क्षेत्र का है। जहाँ मनेन्द्रगढ़ विधानसभा के छिपछिपी गांव की एक घायल महिला को एंबुलेंस सेवा न मिलने के कारण खाट पर रखकर अस्पताल पहुंचाना पड़ा। मिली जानकारी के अनुसार, महिला का पैर बैलों की लड़ाई के दौरान टूट गया था। परिजनों ने 108 एंबुलेंस सेवा पर कॉल किया, लेकिन उनके द्वारा बताया गया कि एंबुलेंस उपलब्ध नहीं है। इसके बाद मजबूरन परिजनों ने महिला को खाट पर लिटाकर पिकअप वाहन से मनेंद्रगढ़ अस्पताल पहुंचाया। लेकिन हालत ऐसे है कि मरीज महिला को 16 घंटे बाद भी इलाज नसीब नहीं हुआ। महिला रोहिणी प्रसाद का अभी तक एक्सरे नहीं हो पाया।

इस पूरे मामले में विपक्ष ने सरकार को घेरते हुए कहा कि राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से विफल हो चुकी है। पूर्व विधायक गुलाब कमरो ने कहा कि यह घटना सरकार की विफलता का प्रमाण है। जब स्वास्थ्य मंत्री के क्षेत्र में ऐसी स्थिति है, तो अन्य इलाकों के हालत क्या होंगे, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। सरकार को प्राथमिकता के आधार पर स्वास्थ्य सेवाओंं को सुधारने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाना चाहिए। यह घटना न केवल प्रशासन की नाकामी को उजागर करती है, बल्कि राज्य की प्राथमिक चिकित्सा सेवाओं पर भी प्रश्न खड़े करती है।

विपक्ष ने सरकार पर कसा तंज

मरीज का चारपाई पर वीडियो वायरल होने के बाद पूर्व विधायक गुलाब कमरो ने भी सोशल मीडिया पर तंज कसते हुए लिखा है कि, दिया तले अंधेरा, जब प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री के विधानसभा क्षेत्र में ही एम्बुलेंस की जगह खाट पर मरीज अस्पताल तक लाए जा रहे हो तो प्रदेश के क्या हालात होंगे, यह आसानी से समझा जा सकता है।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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