The Miraculous Benefits of Nutmeg : जायफल का आयुर्वेद में महत्वपूर्ण स्थान है। यह एक उष्ण (गर्म) प्रकृति वाला मसाला है, जिसका कई औषधियों में भी उपयोग किया जाता है। ये वात और कफ को नियंत्रित करता है, जिससे शरीर को गर्मी मिलती हैं। इसीलिए जायफल का सेवन सर्दियों में विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है। लेकिन इसे बहुत संतुलित मात्रा में ही लेना चाहिए और अगर किसी तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो तो पहले विशेषज्ञ से परामर्श कर लेना चाहिए।
जायफल भारतीय रसोई में मसाले के रूप में उपयोग किया जाता है। खास बात ये है कि इसे मिठाई और नमकीन, दोनों ही व्यंजनों में इस्तेमाल किया जाता है। इलायची और जायफल का मेल हलवा, खीर या लड्डू का स्वाद एकदम बढ़ा देता है। वहीं गर्म मसाले में भी इसका इस्तेमाल होता है। जायफल की खुशबू और स्वाद दोनों बहुत तेज़ होते हैं इसलिए इसकी थोड़ी मात्रा ही काफी होती है।
जायफल के आयुर्वेदिक गुण और लाभ
आयुर्वेद के अनुसार, जायफल के कई औषधीय गुण होते हैं। यह विशेष रूप से पाचन, तंत्रिका तंत्र और त्वचा की समस्याओं के लिए उपयोगी है। जायफल को “उष्ण” यानी गर्म प्रकृति का माना जाता है और इसका उपयोग वात एवं कफ दोष को संतुलित करने के लिए किया जाता है। वहीं, जायफल के उपयोग से भोजन का स्वाद और सुगंध दोनों बढ़ जाता है। यह खासतौर पर मिठाई, मसालेदार व्यंजन और पेय पदार्थों में प्रयोग होता है।
1. पाचन शक्ति : जायफल पाचन शक्ति को बढ़ाता है और गैस्ट्रिक समस्याओं जैसे गैस, कब्ज और अपच में राहत देता है। इसे नींबू के रस में घिसकर सेवन करने से पाचन में सुधार होता है
।
2. नींद में सुधार : अनिद्रा की समस्या के लिए गाय के घी में जायफल घिसकर तलवों पर लगाने से गहरी नींद आती है
।
3. वातहर : जायफल में वात दोष को संतुलित करने के गुण होते हैं, जिससे यह जोड़ों के दर्द और वातजनित विकारों में लाभकारी होता है
4. कफनाशक : यह कफ को कम करता है और श्वसन संबंधी समस्याओं में राहत प्रदान करता है। सर्दियों में जायफल का सेवन खांसी और जुकाम से राहत देता है। खांसी में जायफल का चूर्ण सोंठ के साथ मिलाकर सेवन करना फायदेमंद होता है। यह शरीर को गर्मी देता है और इम्यूनिटी को मजबूत करता है
।
सर्दियों में सेवन के तरीके
दूध के साथ जायफल का पाउडर एक चुटकी मात्रा में गर्म दूध में मिलाकर पीने से सर्दियों में शरीर गर्म रहता है और सर्दी-जुकाम से बचाव होता है। इसका लेप बनाकर नाक और छाती पर लगाने से भी बंद नाक और सर्दी में आराम मिलता है। जायफल को सोंठ के चूर्ण के साथ मिलाकर लिया जा सकता है, जिससे श्वसन संबंधी समस्याओं में राहत मिलती है । जायफल का उपयोग जोड़ों के दर्द और वात रोगों में राहत देने के लिए किया जाता है। सर्दियों में यह समस्या बढ़ जाती है, इसलिए जायफल का सेवन या इसके तेल से मालिश करना फायदेमंद होता है।
अधिक मात्रा में न लें
हालांकि जायफल के कई फायदे हैं लेकिन इसका अत्यधिक या अनुचित मात्रा में सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिए जायफल का उपयोग हमेशा कम और सीमित मात्रा में करें। भोजन और औषधीय उपयोग के लिए इसकी एक चुटकी पर्याप्त होती है। यदि कोई व्यक्ति अन्य दवाओं का सेवन कर रहा है या गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हैं, तो आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए।
(डिस्क्लेमर : ये लेख विभिन्न स्त्रोतों से प्राप्त जानकारियों पर आधारित है। हम इसे लेकर कोई दावा नहीं करते हैं। इस्तेमाल से पहले विशेषज्ञ का परामर्श लें।)