भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। सिरदर्द एक बड़ी समस्या है और अगर ये माइग्रेन (Migraine) हो तो समस्या काफी बढ़ जाती है। ये तेज सिरदर्द है जो कई लोगों को सिर के किसी एक तरफ होता है और किसी किसी को आधे सिर में। इस दौरान घबराहट, उल्टी, चक्कर आने की शिकायत भी हो सकती है। कई लोगों को ये पूरे सिर में भी होता है और ऐसा महसूस होता है जैसे कोई गेंद इधर से उधर लुढ़क रही है।
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माइग्रेन में सूर्य के या किस और तेज प्रकाश, गंध या आवाज को लेकर संवेदनशीलता के लक्षण हो सकते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि माइग्रेन का सिरदर्द अक्षम करने वाली स्थितियों में शीर्ष 10 में है। ये अक्सर युवावस्था में शुरु होता है और महिलाओं में अधिक देखा जाता है। इसके पीछे हार्मोनल वजह मानी जाती है। इसके लक्षणों में प्रकाश, आवाज या गंध के प्रति संवेदनशील होना, खाने की इच्छा में कमी, मन:स्थिति में बदलाव, चिड़चिड़ापन, थकान, सूजन, कब्ज या दस्त शामिल है। कॉनिक माइग्रेन कुछ घंटों से लेकर कुछ दिनों तक भी रह सकता है। इस दौरान असह्य दर्द और उसके साइड इफेक्ट परेशान करने वाले होते हैं।
एलोपेथी या अन्य दवाओं के साथ अगर आप इस दर्द के लिए कुछ और आज़माना चाहते हैं तो कुछ देसी नुस्खों पर अमल कर सकते हैं। गुड़ के साथ दूध का सेवन इस दर्द में लाभकारी बताया गया है। अदरक भी ली जा सकती है, अदरक का एक टुकड़ा दांतों के बीच दबा लें और उसे चूसते रहें। दालचीनी और लौंग भी दर्द में राहत देता है। इसी के साथ आप ठंडी सिंकाई कर सकते हैं। बर्फ की सिंकाई कई तरह के दर्द के लिए कारगर है। सिर, कंधे और पीठ की मालिश से भी राहत मिल सकती है। माइग्रेन का दर्द हो तो अपने आसपास रोशनी कम कर दें और कोशिश करें कि थोड़ी देर नींद ली जाए। सोने से भी दर्द में बहुत राहत मिलती है। योग में भी इसके लिए कुछ आसन है, योगाभ्यास से भी आप इसकी तीव्रता कम कर सकते हैं।
(डिस्क्लेमर– ये सारे घरेलू नुस्खे केवल सूचनात्मक उद्देश्य से बताए गए हैं। इन्हें अपनाने से पहले एक बार किसी विशेषज्ञ का परामर्श ज़रूर लें)