Thu, Dec 25, 2025

क्या होता है Brain Eating Amoeba? जानिए पानी से फैलने वाली इस बीमारी से कैसे करें बचाव

Written by:Bhawna Choubey
Published:
Brain Eating Amoeba: नेगलेरिया फाउलेरी, जिसे "ब्रेन ईटिंग अमीबा" के नाम से भी जाना जाता है, एक दुर्लभ परजीवी है जो गर्म, मीठे पानी में पाया जाता है। यह नाक से अंदर घुसकर मस्तिष्क तक पहुंच जाता है, जहां यह प्राथमिक अमीबिक मेनिन्जोएन्सेफलाइटिस (PAM) नामक घातक संक्रमण का कारण बनता है।
क्या होता है Brain Eating Amoeba? जानिए पानी से फैलने वाली इस बीमारी से कैसे करें बचाव

Brain Eating Amoeba: जीका वायरस के बाद अब केरल में ब्रेन ईटिंग अमीबा का मामला भी सामने आया है। जहां 14 साल के लड़के की तालाब में नहाने से मौत हो गई। तालाब में नहाते समय बच्चे की नाक के जरिए एक खतरनाक ब्रेन ईटिंग अमीबा उसके शरीर में प्रवेश कर गया और उसके ब्रेन में जाकर गंभीर संक्रमण पैदा कर दिया। इस घटना ने सभी को चौंका दिया है और स्थानीय लोगों में भय का माहौल पैदा कर दिया है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि ऐसे पानी के स्रोतों में नहाने से बचना चाहिए, जहां इस प्रकार के अमीबा का खतरा हो सकता है।

ब्रेन ईटिंग अमीबा क्या है?

यह नेगलेरिया फाउलेरी नामक एक सूक्ष्मजीवी के कारण होने वाला एक दुर्लभ संक्रमण है। यह गर्म, मीठे पानी में पाया जाता है, जैसे कि झीलें, नदियाँ और गर्म पानी के झरने। जब यह जीव नाक से प्रवेश करता है और मस्तिष्क तक पहुंच जाता है, तो यह प्राथमिक अमीबिक मेनिन्जोएन्सेफलाइटिस (PAM) नामक एक घातक बीमारी का कारण बनता है।

लोग इसकी चपेट में कैसे आते हैं?

अमीबा गर्म पानी में पनपते हैं, खासकर 77°F से 80°F (25°C से 27°C) के बीच। जब लोग इन पानी में तैरते या खेलते हैं, तो संक्रमित पानी नाक से अंदर जा सकता है। दुर्लभ मामलों में, अमीबा नाक की शल्य चिकित्सा के दौरान संक्रमित पानी के संपर्क में आने से भी प्रवेश कर सकता है।

संक्रमण के क्या क्या लक्षण होते हैं

1. तेज सिरदर्द
2. बुखार
3. मितली और उल्टी
4. गर्दन में अकड़न
5. रोशनी से परेशानी
6. भ्रम और मनोभ्रंश
7. संतुलन और समन्वय में कठिनाई
8. दौरे
9. कोमा

क्या है ब्रेन ईटिंग अमीबा का बचाव?

  • झीलों, नदियों और झरनों में तैरने या गोता लगाने से परहेज करें, यह अमीबा आमतौर पर गर्म, ताजे पानी के स्रोतों में पाया जाता है, इसलिए इन जगहों पर तैरने से बचें।
  • स्विमिंग करते समय नोज क्लिप का उपयोग करें, नोज क्लिप लगाने से पानी नाक में जाने से रोका जा सकता है, जिससे अमीबा का शरीर में प्रवेश करने का खतरा कम हो जाता है।
  • नाक साफ करने के लिए फिल्टर वाटर या उबले हुए पानी का इस्तेमाल करें, नाक की सफाई के लिए हमेशा फिल्टर किया हुआ या उबला हुआ पानी ही इस्तेमाल करें, ताकि पानी में मौजूद किसी भी प्रकार के बैक्टीरिया या अमीबा से बचा जा सके।

    डिस्क्लेमर – इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। एमपी ब्रेकिंग इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।