चिंता और पैनिक अटैक में क्या होता है अंतर? जानें इसके कारण!

मानव जीवन में चिंता और पैनिक अटैक जैसे मानसिक स्वास्थ्य सम्बंधित मुद्दे हमेशा से चर्चा का विषय रहते हैं। हालांकि ज्यादातर जगह चिंता और पैनिक अटैक के बारे में अक्सर भ्रामक जानकारियां होती हैं, जिनको समझना महत्वपूर्ण है। चिंता और पैनिक अटैक में अंतर को समझने के लिए हम आपको इस खबर में विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे।

Rishabh Namdev
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Difference between anxiety and panic attack: आज के चौंकाने वाले दौर में, चिंता और पैनिक अटैक के बीच एक अंतर ढूँढ़ने का प्रयास किया जा रहा है। चिंता, जो एक भावनात्मक स्थिति है, व्यक्ति को आशंका और घबराहट की भावनाओं में डाल सकती है, जबकि पैनिक अटैक एक तंत्रिका रोग है जिसमें व्यक्ति को अचानक होने वाले भयंकर शारीरिक और मानसिक लक्षणों का सामना करना पड़ सकता है।

चिंता: सामान्य या गंभीर?

चिंता की अवस्था में व्यक्ति अक्सर भावनाओं का सामना करता है, जो हल्की बेचैनी से लेकर तेज डर लगना जैसी भावनाओं तक बदल सकती हैं। मुख्यतौर पर इसमें आशंका का अहसास होना, चिंता की भावना या घबराहट होती है। हालांकि चिंता की स्तिति व्यक्ति के रोजगार, रिश्तों, या निजी जीवन में हुए परिवर्तनों की वजह से उत्पन्न हो सकती है और इसमें सामान्यत: व्यक्ति अपनी स्थिति को सुधारने के लिए कदम उठाता है। जिस वजह से वह तनाव का शिकार हो सकता है।

पैनिक अटैक: अचानक और भयंकर

इसके बिलकुल विपरीत रूप से, पैनिक अटैक एक अचानक और भयंकर स्थिति है जिसमें व्यक्ति को हृदय दर्द, सांस की तकलीफ, डर, और अचानक हाथ-पैरों का कांपना जैसी भावना पैदा होती है। इसके परिणामस्वरूप, व्यक्ति को विशेषज्ञ चिकित्सकीय सहायता की आवश्यकता हो सकती है। इसमें व्यक्ति को एक अनूठे तरीके से बंधा हुआ महसूस होता है, जिससे उसकी दिनचर्या पूरी तरह से प्रभावित हो जाती है।

चिंता और पैनिक में संबंध:

चिंता और पैनिक अटैक दोनों ही अलग हो सकते हैं, हालांकि इनमें ज्यादा अंतर नहीं है। चिंता एक भावनात्मक स्थिति है जो दीर्घकालिक या सामान्यत: समय के साथ सुधार सकती है, जबकि पैनिक अटैक एक आकस्मिक घटना है जिसमे तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता पड़ सकती है।

चिंता और पैनिक की इस समीक्षा से हम देख सकते हैं कि इन दोनों की अवस्थाएं अलग-अलग हैं, लेकिन इनका आपसी संबंध भी है। नए दृष्टिकोण से, हमें इन मानवीय अनुभवों को समझने और सहारा देने का प्रयास करना चाहिए ताकि समाज में इन समस्याओं का सामना करने का सामर्थ्य बढ़े।


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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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