नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। 4 दिसंबर 2021 को लगने वाले सूर्य ग्रहण से पहले पृथ्वी (Earth) पर एक बार फिर खतरा मंडराता हुआ दिखाई दे रहा है। इसका कारण सूर्य की सतह पर दिखा बड़ा छेद है। सूर्य के दक्षिणी गोलार्ध में यह आवेशित कणों को उत्सर्जित करता है, यहां इसका तापमान लगभग 1.1 मिलियन डिग्री सेल्सियस तक है, ऐसे में यह सौर तूफान(Solar Storm 2021) ला सकता है, जो धरती को प्रभावित कर सकता है।
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अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA के वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि सूर्य के सतह यानी कोरोना (Sun outer surface) पर एक बड़ा छेद देखा गया है और इस छेद से लगातार आवेशित कणों निकल रहे है, ऐसे में एक बड़ा सौर तूफान आ सकता है जो सूर्य के वायुमंडल में गड़बड़ी के परिणामस्वरूप पृथ्वी को प्रभावित कर सकता है। इन कणों के इस हफ्ते के अंत में पृथ्वी के वायुमंडल से टकराने की संभावना है।
नासा (NASA) की सोलर डायनेमिक ऑब्जर्वेटरी ने सूर्य के बाहरी वातावरण में बड़े ‘कोरोनल होल’ का पता लगाया है।इसके तहत सूर्य के दक्षिणी क्षेत्र में खुले इस होल से आवेशित कणों की एक धारा निकल रही है इसकी वजह से पृथ्वी के मैग्नेटोस्फीयर में कुछ मामूली भू-चुंबकीय हलचल हो सकती है। वही पृथ्वी की ओर बढ़ने वाली धारा से ध्रुवीय क्षेत्रों में अरोरा प्रभाव उत्पन्न हो सकता है और उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों के आसमान में हरे रंग की रोशनी भी देखने को मिल सकती है और यह धरती से भी टकरा सकते हैं।
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वैज्ञानिकों ने जानकारी दी है कि सौर तूफान का सीधा असर मानव जीवन पर हो सकता है। सौर तूफान पृथ्वी के बाहरी वातावरण को गर्म कर सकते हैं, इसका उपग्रहों, जीपीएस मैपिंग, मोबाइल फोन और उपग्रह टेलीविजन संकेतों पर प्रभाव पड़ सकता है। बिजली की लाइनें बहुत अधिक करंट ले जा सकती हैं, जिससे सर्किट में विस्फोट हो सकता है।हालांकि नासा लगातार इस पर नजर जमाए हुए है, लेकिन अगला हफ्ता खतरे से कम नहीं होने वाला है।