नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट | अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA के वैज्ञानिकों की चिंता एक बार फिर बढ़ गई है। दरअसल, उनका एक “मून मिशन” लांच किया जाना था लेकिन, उसमें कुछ तकनीकी खराबी आने के कारण उसे लॉन्च नहीं किया जा सका। बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं बल्कि दूसरी बार तकनीकी खराबी के कारण मिशन मून को लॉन्च नहीं किया जा सका। इसी बीच अब मौसम विभाग ने एक तूफान की चेतावनी दी है जो कि “मिशन मून” को लॉन्च करने में बाधा उत्पन्न कर सकती है। जिससे वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ गई है।
यह भी पढ़ें – व्हाइट साड़ी में सोभिता धूलिपाला की दिलकश अदाएं
दरअसल, NASA अपने मून मिशन Artemis को 3 सितंबर को ही लांच करने वाला था लेकिन उस वक्त तकनीकी खराबी के कारण वो इस मिशन को पूरा नहीं कर सके। जिसके बाद उन्होंने एक बार फिर इसे लॉन्च करने के लिए तैयारी कर ली लेकिन, एक बार फिर उसमें कुछ तकनीकी खराबी होने के कारण दोबारा से लॉन्च नहीं किया जा सका। इधर मुसीबतों का पहाड़ अभी खत्म नहीं हुआ था कि दूसरी मुसीबत तूफान इस मिशन के लिए रुकावट पैदा करने को तैयार हो गई है। बता दें कि मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, यह तूफान कैरीबियन द्वीप से उठता हुआ दिखाई दे रहा है जो कि फ्लोरिडा तक पहुंच सकता है और रॉकेट की लॉन्चिंग में बाधा बन सकता है।
यह भी पढ़ें – 26 सितंबर से मैहर रुकेगी 16 एक्सप्रेस ट्रेनें, 29 को भोपाल से चलेगी स्पेशल, 8 में लगेंगे अतिरिक्त कोच, 10 के रूट बदले, कई रद्द
साथ ही इस पूरे मामले में नासा के सिस्टम मैनेजर माइक बॉल्गर का कहना है कि, “हम प्लान-ए के तहत कोशिश करेंगे कि 27 सितंबर को इसे लॉन्च किया जा सके लेकिन, हमें एहसास है कि हमें प्लान-बी पर भी ध्यान देने की जरूरत है।अगर हम लॉन्चिंग पैड तक इसे ले जाते हैं तो प्लान बी शुरू करने के बाद रॉकेट को वापस लाने में कुछ दिनों का समय लग सकता है।” साथ ही उन्होंने बताया कि, “लॉन्च पैड SLS रॉकेट के साथ 137 किलोमीटर कि तेज हवाओं में भी खड़ा रह सकता है लेकिन, इससे ज्यादा तेज गति में हवा चलने से इसे नुकसान हो सकता है।”
यह भी पढ़ें – Mandi Bhav: इंदौर में आज ये रहे अनाज और सब्जियों के दाम, देखें 24 सितंबर 2022 का मंडी भाव
बता दें कि इस मिशन के तहत इंसान को एक बार फिर चंद्रमा पर भेजने की तैयारी चल रही है। इससे करीब 50 साल पहले ऐसा किया गया था लेकिन अब एक बार वैज्ञानिक इस मिशन को पूरा करने में जुटे हुए हैं। इसके लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। हालांकि, अभी लॉन्चिंग के दौरान किसी भी व्यक्ति को चांद पर नहीं भेजा जा रहा है। यह मिशन कुल 20 लाख 92 हजार 147 किलोमीटर का सफर पूरे 42 दिन 3 घंटे और 20 मिनट में तय करेगा।
यह भी पढ़ें – MP: कर्मचारियों की बड़ी तैयारी, पुरानी पेंशन बहाली-वेतन विसंगति और DA की मांग, क्या मिलेगा लाभ?