फ्रांस में लगेगी लिओनार्दो दा विंची की पेंटिंग एग्जीबिशन

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नई दिल्ली। इटली के महान चित्रकार, मूर्तिकार, वास्तुशिल्पी, संगीतज्ञ, कुशल यांत्रिक, इंजीनियर और वैज्ञानिक लिओनार्दो दा विंची अपनी पेंटिंग मोनालिसा को बनाकर हमेशा के लिए अमर हो गए हैं। हालांकि उनकी सैंकड़ों पेंटिंग्स हैं जो अद्भुत है और दुनियाभर में उनके लाखों प्रशंसक हैं। लियानार्डो के निधन के 500 साल होने पर अब फ्रांस के मशहूर लूवर म्यूजियम में उनकी कलाकृतियों की प्रदर्शनी लगाई जा रही है। प्रदर्शनी में रोजाना करीब 30 हजार लोगों के आने की उम्मीद है। ये 24 अक्टूबर से शुरू होकर फरवरी 2020 तक चलेगी।

लियोनार्डो का जन्म इटली के टस्कन प्रांत के विंसी गांव में 1452 में हुआ था। उन्होंने इटली के फ्लोरेंस और मिलान में ज्यादा वक्त गुजारा। उनके जीवन का अंतिम समय फ्रांस के राजा फ्रांसिस प्रथम के दरबार में गुजरा और 2 मई 1519 को फ्रांस में उनका निधन हो गया। इसीलिये उनके सम्मान में ये प्रदर्शनी लगाई जा रही है। लूवर को दुनिया के सबसे मशहूर म्यूज़ियम में शुमार किया जाता है जहां हर साल लाखों की संख्या में सैलानी आते हैं। यहां लगने वाली प्रदर्शनी में लियोनार्डो की ड्रॉइंग, स्केच, पेंटिग्स, मूर्तियां, लेख आदि रखा जाएगा। उनकी बेहद मशहूर पेंटिंग मोनालिया भी यहां प्रदर्शित की जाएगी। उनके प्रशंसक पहली बार एक साथ मोनालिसा, ला बेल फेरोनियर, सेंट जॉन द बैप्टिस्ट और द लास्ट सपर जैसी पेंटिंग्स देख पाएंगे। 

विंची ऐसे पहले चित्रकार थे, जिन्होंने इस बात का अनुभव किया कि संसार के दृश्यों में प्रकाश और छाया का विलास ही सबसे अधिक प्रभावशाली तथा सुंदर होता है। इसलिए इन्होंने रंग और रेखाओं के साथ साथ इसे भी उचित महत्व दिया। असाधारण दृश्यों और रूपों ने इनकी पेंटिग्स में हमेशा खास जगह पाई है।


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