भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। एक देश की प्रधानमंत्री आखिर कितने पैसों का नाश्ता (breakfast) कर सकते हैं, और क्या इसपर जांच बैठ सकती हैं। हमें ये बात भले थोड़ी अजीब लगे लेकिन ऐसा हुआ है फिनलैंड (Finland) में। यहां दुनिया में सबसे कम उम्र में प्रधानमंत्री बनकर सुर्खियां बटोलने वालीं सना मरीन (Sanaa Marin) फिर चर्चाओं में हैं।
इंदौर : क्या डिलेवरी बॉय बन रहे कोरोना का खतरा? जिम्मेदारों के पास नहीं जबाव
दरअसल, प्रधानमंत्री सना मरीन पर आरोप है कि उन्होने करदाताओं के पैसों का दुरूपयोग करते हुए सरकारी आवास में अपने परिवार के साथ नाश्ता करते हुए काफी पैसे खर्च किए हैं। उनके एक महीने के नाश्ते पर करीब 300 यूरो यानी 365 डॉलर (भारतीय मुद्रा में 26,479.89 रूपये) खर्च हुए हैं। उन्होने अपने आधिकारिक निवास केसरंता में रहते हुए परिवार के साथ नाश्ते में इतनी राशि खर्च की है जो असल में करदाताओं के पैसे हैं। ये मामला अब पुलिस तक पहुंच गया है और पुलिस ने मामले की जांच की बात कही है।
इस मामले में प्रधानमंत्री सना मरीन का कहना है कि ‘प्रधानमंत्री के तौर पर मैंने इसका लाभ नहीं मांगा और न ही मैं ये निर्णय लेने में शामिल रही हूं।’ उनका कहना है कि उसने पहले भी अन्य प्रधानमंत्रियों को ये लाभ मिलता रहा है। हालांकि कानून विशेषज्ञों का कहना है कि नाश्ते के लिए करदाताओं के पैसों का उपयोग करना फिनिश कानून का उल्लंघन हो सकता है। फिनलैंड की पुलिस ने मामले की जांच की घोषणा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने नाश्ते के पैसे सरकारे से से लिए जबकि कानून इसकी अनुमति नहीं देता है। इसपर प्रधानमंत्री सना मरीन ने कहा कि वो जांच के लिए तैयार हैं और जांच होने तक लाभ का दावा नहीं करेंगीं।