Driving license : 18 साल बाद मिला ड्राइविंग लाइसेंस, 960 बार दिया टेस्ट

Got driving license after 18 years and 960 tests : ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए सभी को टेस्ट देना पड़ता है। कई बार ऐसा भी होता है कि एक बार में टेस्ट क्लियर नहीं हो पाता और दो तीन बार भी देना पड़ जाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि किसी को अपना लाइसेंस पाने के लिए 960 बार टेस्ट देना पड़े..लेकिन वो  हार नहीं माने। जिद और जुनून से कुछ भी पाया जा सकता है और इस बात को इन्होने साबित कर दिखाया।

ऐसा ही अनोखा मामला सामने आया है चा सा-सून नाम की महिला के साथ। ये दक्षिण कोरिया के जियोंजू की निवासी हैं और इनकी उम्र है 69 साल। 18 साल के इंतजार के बाद आखिरकार इन्हें अपना ड्राइविंग लाइसेंस मिल गया है। लाइसेंस पाने के लिए ये अब तक 960 बार टेस्ट दे चुकी हैं और 959 बार उसमें असफल हो गई। आखिर 960वां मौका इनके लिए कामयाबी लेकर आया और उन्हें ड्राइविंग लाइसेंस मिल गया। लेकिन ये सब इतनी आसानी से नहीं हुआ। इस पूरी कवायद में उनके 11,000 पाउंड (करीब 11 लाख रुपये) खर्च हो गए हैं।

मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक सा-सून ने अपना पहला लिखित टेस्ट 2005 अप्रैल महीने में दिया था लेकिन वो इसमें फेल हो गईं। इसके बाद उन्होने एक हफ्ते में दो बार लिखित टेस्ट देना शुरू किया। वो ठान चुकी थीं कि लाइसेंस तो लेकर ही रहेंगी। लिखित टेस्ट के अलावा प्रैक्टिकल टेस्ट में भी पास होना जरूरी है। इसके लिए उन्होने दस बार प्रयास किए। इस तरह उन्होने कुल 960 दफा सारे टेस्ट दिए और इसमें उन्हें 18 साल का लंबा वक्त लग  गया।  सा-सून सब्जी बेचकर आजीविका कमाती हैं और इसी के जरिए उनका परिवार चलता है। इस काम के लिए उन्हें ड्राइविंग लाइसेंस की बहुत जरूरत थी। इतने सारे अटेम्प्ट देने के बाद वो एक सेलिब्रिटी बन गई हैं और Hyundai कार कंपनी ने उन्हें अपने विज्ञापन में भी लिया है। इतना ही नहीं..उन्हें करीब 11.78 लाख की कार भी गिफ्ट की है। बहरहाल..वो अपना लाइसेंस पाकर बेहद खुश हैं और उनका कहना है कि कोशिश करने वालों की हार नहीं होती।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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