अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शपथ ग्रहण से पहले ही कई देशों की चिंता बढ़ा दी है। दरअसल उनके नए ट्वीट ने नई चर्चा को जन्म दे दिया है। दरअसल डोनाल्ड ट्रंप ने BRICS देशों को लेकर एक बड़ा ट्वीट किया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर अमेरिकी डॉलर को कमजोर करने या उसे बदलने का प्रयास किया जाता है तो इन देशों पर 100% टैरिफ लगाया जाएगा।
जानकारी दे दें कि डोनाल्ड ट्रंप ने BRICS देशों को यह खुली धमकी दी है। जिसमें कुल नौ देश शामिल है। इसमें भारत भी आता है, ऐसे में भारत के लिए भी यह चिंता का विषय हो सकता है। दरअसल डोनाल्ड ट्रंप ने धमकी देते हुए 100% टैरिफ लगाने की बात कही है।
BRICS में कितने देश हैं शामिल?
दरअसल 2009 में गठित BRICS समूह में भारत के अलावा चीन, रूस, दक्षिण अफ्रीका, ईरान, मिस्र, इथियोपिया और संयुक्त अरब अमीरात जैसे शामिल है। हालांकि यह एक ऐसा अंतरराष्ट्रीय समूह है जिसमें अमेरिका शामिल नहीं है। हाल ही के समय में देखा गया है कि BRICS में कई देश अपनी खुद की BRICS करेंसी बनाने की ओर आगे बढ़ रहे हैं। हालांकि भारत अभी तक इस पक्ष में दिखाई नहीं दिया है।
The idea that the BRICS Countries are trying to move away from the Dollar while we stand by and watch is OVER. We require a commitment from these Countries that they will neither create a new BRICS Currency, nor back any other Currency to replace the mighty U.S. Dollar or, they…
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) November 30, 2024
जानिए डोनाल्ड ट्रंप ने क्या कहा?
दरअसल डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट करते हुए ब्रिक्स देशों को यह चेतावनी दी है। डोनाल्ड ट्रंप ने लिखा कि “यह विचार कि ब्रिक्स देश डॉलर से दूर जाने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि हमें इन देशों से एक प्रतिबद्धता की आवश्यकता है कि वे न तो एक नई ब्रिक्स मुद्रा बनाएंगे, न ही शक्तिशाली अमेरिकी डॉलर को बदलने के लिए किसी अन्य मुद्रा का समर्थन करेंगे या, उन्हें 100% टैरिफ का सामना करना पड़ेगा, और अमेरिकी अर्थव्यवस्था में बेचने के लिए अलविदा कहने की उम्मीद करनी चाहिए। इस बात की कोई संभावना नहीं है कि ब्रिक्स अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में अमेरिकी डॉलर की जगह लेगा, और जो भी देश कोशिश करता है उसे अमेरिका को अलविदा कहना चाहिए।”
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दिया था बड़ा बयान
बता दें कि इससे पहले 1 अक्टूबर को भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक बड़ा बयान दिया था। दरअसल उन्होंने कहा था कि कभी-कभी डॉलर का उपयोग करना मुश्किल होता है। देश के कुछ व्यापारिक साझेदार हैं जिनके साथ आपकी नीतियों के कारण डॉलर में व्यापार करना मुश्किल होता है। ऐसे में हमें इसके लिए कुछ समाधान तलाशना शुरू करना होंगे।