देश के दिग्गज उद्योगपति गौतम अडानी आज धनबाद में आयोजित IIT ISM के शताब्दी वर्ष समारोह में पहुंचे। इस दौरान गौतम अडानी ने कई बड़े ऐलान किए। गौतम अडानी ने IIT ISM धनबाद के तीसरे वर्ष के विद्यार्थियों के लिए 50 वार्षिक पेड इंटर्नशिप का ऐलान किया। इसके अलावा इन छात्रों को बड़ा तोहफा देते हुए कहा कि 50 छात्रों में से 35% को नौकरी का ऑफर भी मिलेगा। इसके अलावा संस्थान को भी एक बड़ी अपॉर्चुनिटी दी है। दरअसल गौतम अडानी संस्थान में अडानी 3S माइनिंग एक्सीलेंस सेंटर स्थापित करेंगे, जो खनन प्रौद्योगिकी और शोध को नई दिशा देगा।
युवाओं को प्रोत्साहित करते हुए गौतम अडानी ने कहा कि ‘हमें देश को वैश्विक गठबंधनों के बदलते स्वरूप और देशों के स्वार्थ आधारित रवैये के बीच अपना स्वतंत्र विकास मार्ग तय करना होगा। भारत की संप्रभुता इस समय दो प्रमुख स्तंभों पर निर्भर करती है, जिनमें संसाधनों पर नियंत्रण और ऊर्जा स्रोतों पर नियंत्रण शामिल है। यही देश के विकास की गति को भी तय करते हैं।’
जानिए क्या बोले गौतम अडानी
इस दौरान गौतम अडानी ने देश को लेकर कई बड़ी बातें कही। गौतम अडानी ने कहा कि जिन्होंने इतिहास में सबसे अधिक कार्बन उत्सर्जन किया है, आज वे लोग हमें यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि हमें किस तरह विकसित होना चाहिए। भारत दुनिया में प्रति व्यक्ति उत्सर्जन के सबसे कम आंकड़ों वाले देशों में है। दरअसल गौतम अडानी ने “नैरेटिव कॉलोनाइजेशन” को लेकर भी बात की और धनबाद की आईआईटी आईएसएम स्थापना का उल्लेख किया। गौतम अडानी ने इस संस्थान को भारतीय नेतृत्व की दूरदर्शिता का प्रतीक बताया है। दरअसल ब्रिटिश शासन के दौर में भी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने संस्थान की स्थापना की सिफारिश की थी।
कब हुई थी IIT ISM की स्थापना?
वहीं इस वर्ष शताब्दी समारोह में यूनिवर्सिटी की 100 साल की उपलब्धियों को प्रस्तुत किया गया। जानकारी दे दें कि IIT ISM धनबाद की स्थापना 9 दिसंबर 1926 को की गई थी। ब्रिटिश सरकार में नियुक्त तत्कालीन वायसराय लॉर्ड अरविंद ने इसका उद्घाटन किया था। इसकी शुरुआत एक विशेष स्कूल के रूप में की गई थी। खनन और भूविज्ञान के क्षेत्र में प्रशिक्षित विशेषज्ञों को तैयार करना इस संस्थान का मुख्य उद्देश्य था। आज यह संस्थान इंजीनियरिंग के क्षेत्र में आगे बढ़ चुका है। पिछले एक शताब्दी में संस्थान ने खनन इंजीनियरिंग से लेकर खनिज ऊर्जा, कंप्यूटर साइंस, सिविल, मैकेनिकल और आधुनिक इंजीनियरिंग के कई क्षेत्रों में विस्तार किया है। साल 2016 में इस संस्थान को आईआईटी का दर्जा दिया गया था।





