हालहीं में उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (UP NHM) ने Community Health Officer (CHO) पदों के लिए भर्ती का आयोजन किया है। इससे कुछ समय पहले भारतीय स्पेस आर्गेनाइजेशन, इसरो ने भी विभिन्न पदों पर भर्ती निकाली थी। लेकिन इसके बाद भी देश में हर तरफ युवा बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहे है। जानकारों के अनुसार इसके पीछे युवाओं में नॉलेज की कमी एक बड़ा कारण दिख रहा है। साथ ही युवाओं में नियमितता न होना भी एक बड़ी दिक्कत देखि जा रही है।
स्किल और नॉलेज की कमी:
बेरोजगारी में वृद्धि का मुख्य कारण युवाओं की स्किल और नॉलेज में कमी है। कई बार यह देखा गया है कि छात्र सिर्फ अच्छे अंक प्राप्त करने पर ही ध्यान केंद्रित करते हैं और उनमें व्यापक स्किल्स की कमी होती है। सिर्फ एक क्षेत्र में एकाधिक शिक्षा प्राप्त करने से उच्च शिक्षा के बाद भी नौकरी प्राप्त करना मुश्किल हो जाता है।
नियमितता की कमी:
अन्य एक कारण है नियमितता की कमी। युवा अक्सर अपनी पढ़ाई में नियमितता बनाए रखने में कमी करता है जिससे वह अपनी आत्म-विकास और स्किल्स में पर्याप्त मात्रा में सुधार नहीं कर पाता है।
इस समस्या का समाधान युवाओं को अपनी शिक्षा को व्यापक रूप से समझने और समृद्धि के क्षेत्रों में अपनी क्षमताओं को विकसित करने के लिए प्रेरित करना होगा। उन्हें सीखने और बढ़ने के लिए रिसर्च करने का उत्साह रखना चाहिए, साथ ही समृद्धि के क्षेत्रों में नौकरी प्राप्त करने के लिए नौकरी योजना बनानी चाहिए।
युवाओं के बेरोजगारी में वृद्धि के पीछे कई कारण हैं, जो उन्हें नौकरी प्राप्ति के मार्ग में बाधित कर रहे हैं। हालांकि सरकार, शिक्षा विभाग, और उद्यमिता को भी सम्मिलित करके युवाओं को उच्च शिक्षा और नौकरी प्राप्ति में मदद करने के लिए सक्रिय रूप से काम करना चाहिए।