बच्चों को नहीं दे पा रहे हैं ज्यादा समय? वर्किंग पेरेंट्स के लिए 3 असरदार टिप्स

अगर आप अपने बच्चों को ज्यादा समय नहीं दे पा रहे हैं, तो कुछ असरदार टिप्स अपनाकर इस समस्या को हल कर सकते हैं।

Parenting Tips

Parenting Tips: आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में ज्यादातर वर्किंग पेरेंट्स अपने बच्चों के साथ ज्यादा समय नहीं बिता पाते हैं। जिससे बच्चों को अकेलापन महसूस होता है। और इसका असर उनके मानसिक विकास पर पड़ सकता है।

हालांकि, कुछ छोटे-छोटे टिप्स को अपनाकर पेरेंट्स अपने बच्चों के साथ क्वालिटी टाइम स्पेंड कर सकते हैं। जैसे कि दिन में कुछ खास पल बच्चों के लिए निर्धारित करना, वीकेंड पर फैमिली एक्टिविटीज प्लान करना या बच्चों के साथ मिलकर छोटे-छोटे घरेलू काम करना यह सरल तरीके से न केवल बच्चों को खुश रखते हैं। बल्कि आपके और बच्चों के बीच बेहतर बॉन्डिंग भी बनाते हैं।

वर्किंग पेरेंट्स के लिए 3 असरदार टिप्स 

क्वालिटी टाइम बिताना (Parenting Tips)

बच्चों के साथ क्वालिटी टाइम बिताना उनके भावनात्मक और मानसिक विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। बच्चों को ज्यादा समय नहीं बल्कि प्यार और ज्ञान की जरूरत होती है। आप उनके साथ कुछ खास पल बिता सकते हैं। जैसे उनकी पसंद के खेल खेलना, कहानी पढ़ना या उनसे उनके दिन के बारे में बातचीत करना।

जब आप बच्चों के मनपसंद कामों में रुचि दिखाते हैं, तो वे न केवल खुद को विशेष महसूस करते हैं। बल्कि इससे आपके और उनके बीच का रिश्ता भी मजबूत होता है। इस तरह का क्वालिटी टाइम आपके बच्चों की खुशी और आत्मविश्वास को बढ़ाता है।

बच्चों की रोज़मर्रा की गतिविधियों में हिस्सा लें

अगर आपके पास समय कम है, तो आप अपने बच्चों की रोजमर्रा की गतिविधियों में शामिल होकर उनके साथ समय बिता सकते हैं। चाहे वह उनकी पढ़ाई हो, खेल हो या फिर कोई भी बच्चों का पसंदीदा काम ही क्यों ना हो। इससे आपकी सहभागिता उन्हें खास महसूस करवाएगी।

इससे बच्चों को अकेलापन महसूस नहीं होगा और वे आपके साथ खुलकर मस्ती कर पाएंगे। जब बच्चे आपको उनके साथ समय बिताते हुए देखते हैं, तो उन्हें अच्छा लगता है और उन्हें ऐसा महसूस होता है कि आप उनकी परवाह करते हैं।

छोटे-छोटे पलों को खास बनाएं

अगर आप अपने काम में काफी ज्यादा व्यस्त रहते हैं, तो बच्चों के लिए हफ्ते में एक दिन जरूर निकालें। यह न केवल उन्हें आपके प्यार का एहसास कराएगा बल्कि आपके रिश्ते को भी मजबूत बनाएगा। आप उन्हें घर के छोटे-मोटे कामों में भी शामिल कर सकते हैं। जिससे वह जिम्मेदारी का अनुभव करेंगे।

इसके अलावा हर दिन छोटे-छोटे पलों को खास बनाएं। जैसे सुबह के नाश्ते के दौरान बातचीत करें या फिर रात को सोने से पहले कोई कहानी सुनाएं, किसी भी टॉपिक पर अच्छी बातें करें यह छोटे-छोटे पल आपके और बच्चों के बीच का संबंध गहरा करेंगे।

 


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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं। मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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