दुनिया में किसी भी देश की चर्चा होते ही दिमाग में बड़ी-बड़ी और ऊंची इमारतें, भीड़भाड़ और रोशनी से भरे रास्ते, एक से बढ़कर एक मार्केट, एमएनसीज कम्पनी आने लगती है। बता दें कि अमूमन देश छोटे-बड़े शहरों की जनसंख्या और क्षेत्रफल के हिसाब से यह तय किया जाता है कि वह कितना बड़ा है। विश्व का हर एक देश किसी-न-किसी खासियत के लिए प्रसिद्ध है। इनमें भारत भी शामिल है, जिसके कुछ शहर अनोखे हैं, जहां सालों भर पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है। इससे देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलती है। इससे पहले हम आपको दुनिया के सबसे बड़े शहर से रूबरू करवा चुके हैं, लेकिन आज हम आपको एक ऐसे देश के बारे में बताएंगे, जहां आज भी लोग इंटरनेट के बगैर अपनी लाइफस्टाइल जी रहे हैं।
आज के दौर में इंटरनेट हमारे जीवन का ऐसा हिस्सा बन चुका है, जिसे हटाकर सोचना भी मुश्किल है। सुबह उठते ही सबसे पहले लोग मोबाइल उठाकर मैसेज, व्हाट्सऐप या सोशल मीडिया चेक करते हैं। ऑफिस का काम हो या बच्चों की पढ़ाई… खरीदारी करनी हो या बैंक से लेन-देन… हर छोटी-बड़ी चीज इंटरनेट के बिना अधूरी लगती है।
नहीं करते इंटरनेट का इस्तेमाल
जहां एक ओर बच्चे ऑनलाइन क्लास से लेकर असाइनमेंट और प्रोजेक्ट तक इंटरनेट से ही करते हैं, वहीं इस देश में सबकुछ काफी अलग है। जिस दौर में मोबाइल पर इंटरनेट चलाना लोगों के लिए सांस लेने जितना जरूरी हो चुका है, वहां इस देश की जनता अब भी डिजिटल अंधेरे में जी रही है। यहां न मोबाइल डेटा है, न घरों तक ब्रॉडबैंड और न ही आम लोगों के लिए सोशल मीडिया या ऑनलाइन पेमेंट जैसी सुविधाएं उपबल्ध है।
एरिट्रिया
दरअसल, इस देश का नाम एरिट्रिया (Eritrea) है, जो कि पूर्वी अफ्रीका का एक छोटा-सा देश है। अफ्रीका के हॉर्न क्षेत्र में स्थित इसकी सीमाएं इथियोपिया, सूडान और जिबूती जैसे देशों से मिलती हैं। इसकी राजधानी असमारा है। यह दिखने में भले आधुनिक है, लेकिन इंटरनेट कनेक्टिविटी के मामले में यह दुनिया के सबसे पिछड़े शहरों में गिनी जाती है। यहां इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों की संख्या बेहद कम है। रिपोर्टों के मुताबिक, यहां की केवल 1% आबादी ने इंटरनेट चलाया है। देशभर के बड़े शहरों में में गिने-चुने इंटरनेट कैफे हैं। स्पीड इतनी खराब रहती है कि 2G भी इससे तेज लगती है।
सरकार के सख्त नियम
एरिट्रिया को अफ्रीका का उत्तर कोरिया भी कहा जाता है। यहां की कड़ी तानाशाही सरकार के कारण यहां अब तक हर घर में इंटरनेट पहुंच नहीं पाया है। सूत्रों के मुताबिक, सत्ता का डर और राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देकर इंटरनेट सेवाओं पर कड़ा नियंत्रण रखा जाता है। अगर किसी को ऑनलाइन काम है, तो उसे महंगे इंटरनेट कैफे का सहारा लेना पड़ता है। देश की अर्थव्यवस्था बेहद कमजोर है। यहां के लोगों की औसत आमदनी इतनी कम है कि इंटरनेट का खर्च उठाना आसान नहीं। एक साधारण इंटरनेट कैफे में 1 घंटे बैठने के लिए लगभग 100 एरिट्रियाई नाफ्का (करीब 100 रुपये) चुकाने पड़ते हैं।





