दामाद के लिए बनाए 173 पकवान, चार दिन पहले से रसोई में शुरू हो गई तैयारी

173 dishes made to welcome son-in-law : हमारे यहां दामाद की खूब आवभगत होती है। अगर दामाद ससुराल आने वाला हो तो पहले से ही उसकी खातिहदारी की तैयारियां पहले से ही शुरू हो जाती है। तरह तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं और बहुत सारे तोहफे भी दिए जाते हैं। खासकर सासू मां तो अपने दामाद के पसंद की सारी चीज़ें बनाने की कोशिश करती है। लेकिन क्या कभी आपने ये सुना है कि किसी ने इस खास मौके के लिए आठ दस नहीं पूरे 173 पकवान बनाए हों।

ऐसा कुछ हुआ है आंध्र प्रदेश के पश्चिम गोदावरी ज़िले में। यहां भीमावरम कस्बे में रहने वाले व्यवसायी टाटावर्ती बद्री और उनकी पत्नी संध्या ने संक्रांति के अवसर पर अपनी बेटी दामाद को घर आमंत्रिय किया था। कोरोना के कारण पिछले दो साल से ये उनके घर नहीं आ पाए थे। इसीलिए सास ने उनके सत्कार के लिए पूरे 173 पकवान बनाए। इनमें कई खास व्यंजन थे जिनमें पूरी, बज्जी, हलवा, करेला, पापड़, अचार, मिष्ठान्न, शीतल पेय और गोली सोडा सहित कई और आइटम शामिल थे। इनके हैदराबाद निवासी दामाद चावला पृथ्वीगुप्त और बेटी  श्री हरिका ने जब ये तैयारी देखी तो वो अचरज और खुशी से फूले न समाए।

इन्हें बनाने के लिए संध्या पूरे चार दिन पहले से रसोई में लगी रहीं। उन्होने बड़ी मेहनत से सारे पकवान बनाए और बहुत प्यार से उन्हें परोसा। बेटी दामाद ने भी बहुत ही चाव के साथ सारे पकवानों का स्वाद लिया। डाइनिंग टेबल पर बाकायदा इन्हें सजाया गया और हर व्यंजन पर उसके नाम की पर्ची भी लगाई गई। ये इतने सारे व्यंजन थे जिन्हें देखकर लग रहा था कि कोई शादी ब्याह का मौका हो। शादी में भी अमूमन इतने सारे व्यंजन नहीं परोसे जाते हैं। अपनी ससुराल में ऐसा भव्य स्वागत देखकर दामाद भी बहुत खुश नजर आए।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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