रायसेन,डेस्क रिपोर्ट। रायसेन (Raisen) जिले के बेगमगंज (Begumgunj) से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जहां शहर के 4 बैंकों (Banks) के सामने नगर पालिका की कचरा गाड़ी द्वारा कचरा (Garbage) फैला दिया गया। जब बैंककर्मी बैंक पहुंचे तो उन्होंने नगर पालिका अधिकारी और कर्मचारी को फोन लगाकर बैंक के बाहर कचरे पड़े होने की शिकायत दर्ज कराई। मिली जानकारी के अनुसार लोन के आवेदनों (Loan applications) को लंबे समय तक लटकाने के चलते सफाई कर्मचारियों ने बैंकों के बाहर कचरा पटक कर अपना विरोध (Protest) जताया है।
इस मामले को लेकर जिला प्रशासन के अधिकारियों को भी बैंक द्वारा बताया गया जिसके बाद 1 घंटे तक चले वाद विवाद के बाद सफाई कर्मचारियों द्वारा कचरा उठा लिया गया। दरअसल बेगमगंज में स्टेट वेंडर योजना के तहत 10-10 हजार के लोन गरीबों को स्वीकृत करने का टारगेट एसबीआई बैंक बेगमगंज, सेंट्रल ग्रामीण बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और सेंट्रल बैंक को दिया गया था। आरोप लगाए जा रहे हैं कि गरीबों के लोन प्रकरण को लंबे समय से लटकाया जा रहा है। फॉर्म लेकर नगर पालिका के कर्मचारी जब भी बैंक जाते थे उनके साथ अभद्र व्यवहार किया जाता था, जिससे नाराज सफाई कर्मचारियों ने कचरा ले जाकर सभी बैंकों के सामने पटक दिया। पूरे मामले को लेकर नगर पालिका के प्रशासक और एसडीएम अभिषेक चौरसिया का कहना है कि इस मामले को लेकर सीएमओ से बात की जा रही है। सीएमओ से चर्चा के उपरांत आगे की जांच और कार्रवाई की जाएगी।
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बैंक के सामने पटके गए कचरे को लेकर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के ब्रांच मैनेजर प्रताप सिंह का कहना है कि पहले भी नगर पालिका परिषद द्वारा 350 प्रकरण का लक्ष्य दिया गया था, जिस पर 333 प्रकरण को स्वीकृत करते हुए पथ विक्रेताओं को राशि दे दी गई थी। वहीं दिसंबर में फिर से 350 प्रकरणों का लक्ष्य दिया गया था, जिसमें से मात्र 40 आवेदक ही बैंक शाखा पहुंचे थे। सभी फॉर्मेलिटी के बाद 27 आवेदकों को लोन दे दिया गया था। वही सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के ब्रांच मैनेजर कहते हैं कि पहले 200 का टारगेट दिया गया था जिसमें से 205 कुल स्वीकृत करते हुए राशि का वितरण कर दिया गया था।
फिर 27 जनवरी 2021 को 123 प्रकरण तत्काल स्वीकृत करने के लिए एक पत्र दिया गया था, इसके साथ ही फिर 500 अन्य प्रकरण भी स्वीकृत कराना चाहते थे, लेकिन आवेदकों के आने के बाद ही और उनके द्वारा फॉर्मेलिटी पूरी करने के उपरांत लोन दिया जाएगा। मध्य प्रदेश ग्रामीण बैंक के ब्रांच मैनेजर कहते हैं कि उन्हें 35 प्रकरण का टारगेट मिला था, जिसमें से 28 प्रकरण को लोन दे दिया गया था। बाकी के लिए कार्रवाई चल रही है। चौथे बैंक मध्य प्रदेश ग्रामीण बैंक संध्याकालीन शाखा के ब्रांच मैनेजर कहते हैं कि उनके पास 35 केस आए थे, जिसमें से सभी को स्वीकृति कर लोन दे दिया गया था। आईसीआईसीआई बैंक के प्रभारी शाखा प्रबंधक कहते हैं कि उनके पास 20 केस आए थे जिसमें से किसी को भी स्वीकृत नहीं किया गया है।