Benefits of Eating and Drinking in Silver Utensils : भारतीय प्राचीन परंपरा में चांदी के बर्तनों का उपयोग होता आया है। इसे कई तरह के जिसे स्वास्थ्य लाभ से जोड़कर देखा जाता है। चांदी के बर्तनों में भोजन और पानी का सेवन करने की यह परंपरा हजारों वर्षों से चली आ रही है। इसे आयुर्वेद और विज्ञान दोनों से मान्यता प्राप्त है।
आयुर्वेद में चांदी को एक महत्वपूर्ण धातु माना गया है, जिसे “शीतलता” का प्रतीक कहा जाता है। चांदी में शरीर की ऊर्जा को संतुलित करने और उसे शीतलता प्रदान करने की क्षमता होती है। आयुर्वेद में चांदी की भस्म को कई औषधियों में मिलाया जाता है। यह हृदय, मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र को बल प्रदान करती है।
चांदी : स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी
प्राचीन काल में चांदी के बर्तन का उपयोग राजा-महाराजा करते थे, क्योंकि यह स्वास्थ्य के लिए लाभकारी और सामाजिक प्रतिष्ठा का प्रतीक था। लेकिन चांदी के बर्तनों में भोजन करने और पानी पीने के पीछे स्वास्थ्य लाभ भी जुड़े हुए हैं। आयुर्वेद के अनुसार चांदी के बर्तनों में पानी पीने से शरीर में पित्त दोष कम होता है। यह खासकर गर्मी के मौसम में शरीर को ठंडक देने में सहायक होता है। वहीं, चांदी को सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत माना गया है।
आयुर्वेद के अनुसार चांदी के बर्तनों के उपयोग से होने वाले लाभ
आयुर्वेद में चांदी के बर्तन में पानी पीने और भोजन करने के कई लाभ बताए गए हैं। चांदी को एक औषधीय धातु माना जाता है, और इसका उपयोग प्राचीन समय से स्वास्थ्य के लिए किया जाता रहा है। इसके कुछ प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं।
- शीतलता और पाचन में सुधार : चांदी शीतल प्रकृति की मानी जाती है। चांदी के बर्तन में पानी पीने से शरीर में ठंडक बनी रहती है और पित्त दोष संतुलित होता है। चांदी का उपयोग पाचन तंत्र को सुधारने में सहायक हो सकता है, जिससे गैस, एसिडिटी और अपच जैसी समस्याएं कम हो सकती हैं।
- प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाना : चांदी में जीवाणुरोधी (एंटी-बैक्टीरियल) गुण होते हैं। चांदी के बर्तन में पानी या भोजन करने से हानिकारक बैक्टीरिया नष्ट होते हैं, जिससे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है।
- विषैले पदार्थों का नाश : आयुर्वेद में चांदी को विषनाशक माना गया है। चांदी के बर्तन का उपयोग विषैले तत्वों को निष्क्रिय करने में सहायक होता है, जिससे शरीर शुद्ध और स्वस्थ रहता है।
- मानसिक स्वास्थ्य में सुधार : चांदी का स्पर्श और उपयोग मन को शांत और स्थिर बनाने में सहायक माना गया है। यह तनाव और चिंता को कम करने में मदद कर सकता है।
- त्वचा संबधी रोगों से सुरक्षा : चांदी का उपयोग रक्त को शुद्ध करने में मदद करता है, जिससे त्वचा की समस्याएं जैसे एक्ने और दाग-धब्बे कम हो सकते हैं। इसके अलावा, चांदी में सूक्ष्म खनिज गुण होते हैं जो त्वचा के संक्रमण को रोकने में सहायक हो सकते हैं।
- शरीर की ऊर्जा का संतुलन : चांदी धातु का सकारात्मक प्रभाव शरीर की ऊर्जा को संतुलित रखने और थकान को दूर करने में सहायक होता है।
आधुनिक विज्ञान का दृष्टिकोण
आधुनिक विज्ञान ने भी चांदी के बर्तनों के लाभों को कुछ हद तक स्वीकार किया है। वैज्ञानिक शोध से पता चला है कि चांदी में जीवाणुरोधी और सूजन-रोधी गुण होते हैं। चांदी बैक्टीरिया और वायरस को नष्ट करने में सक्षम है। चांदी के बर्तन में पानी रखने से उसमें मौजूद हानिकारक जीवाणु नष्ट हो जाते हैं। चांदी का उपयोग शरीर की इम्युनिटी को बढ़ावा देने में मदद करता है। पानी पीने से शरीर में सूक्ष्म पोषक तत्वों का संचार होता है। चांदी के बर्तन में रखा पानी लंबे समय तक ताजा और सुरक्षित रहता है।
सावधानियां
आज के दौर में, जहां स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता बढ़ी है, चांदी के बर्तनों का उपयोग एक बार फिर लोकप्रिय हो रहा है। हालांकि, विशेषज्ञ यह भी सलाह देते हैं कि चांदी के बर्तन का उपयोग करते समय उसकी शुद्धता और सफाई पर ध्यान देना चाहिए। चांदी के बर्तन शुद्ध होने चाहिए। किसी भी तरह के मिश्रित धातु वाले बर्तनों से बचें। बर्तनों की नियमित सफाई सुनिश्चित करें। इसका बहुत अधिक उपयोग करने से बचें, क्योंकि यह शरीर में चांदी की अत्यधिक मात्रा जमा कर सकता है।
(डिस्क्लेमर : ये लेख विभिन्न स्त्रोतों से प्राप्त जानकारियों पर आधारित है। हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं।)