विदाई के दौरान बेटी को भूलकर भी ना दें ये 4 सामान, माना जाता है अपशगुन, जानें शादी के नियम

विदाई की रस्म के दौरान लड़की को मायके पक्ष से कुछ तोहफे भी दिए जाते हैं। पिता अपनी सामर्थ्य के अनुसार जितना बन पड़ता है, उतना अपनी बेटी की झोली भर देता है, लेकिन गिफ्ट देते समय आपको इन बातों का अवश्य ध्यान रखना चाहिए।

Sanjucta Pandit
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Marriage Rituals

Unlucky Gifts for Bridal in Marriage Rituals : इन दिनों शादियों का सीजन चल रहा है। हर गली-मोहल्ले शहनाइयों से गूंज रहे हैं। देवउठनी एकादशी से ही शादी-विवाह का शुभ मुहूर्त शुरू हो चुका है। बेटियां डोली में बैठकर अपने पिता के घर से विदा होकर ससुराल चली जाती हैं। यह काफी भावुक समय होता है, जब जन्म देने वाले माता-पिता नम आंखों से अपनी बेटी को विदा करते हैं। लड़की के घर में शादी संपन्न होने के बाद विदाई आखिरी रस्म होती है, जिसमें सभी लोगों की आंखें नम हो जाती है। जिसे जन्म दिया हो, पाल-पोस्कर बड़ा किया हो, उसे अब किसी और के हाथों सौंपना बहुत ज्यादा तकलीफदायक होता है, लेकिन यही दुनिया की रीत है, जिसे हर किसी को निभाना होता है।

विदाई की रस्म के दौरान लड़की को मायके पक्ष से कुछ तोहफे भी दिए जाते हैं। पिता अपनी सामर्थ्य के अनुसार जितना बन पड़ता है, उतना अपनी बेटी की झोली भर देता है, लेकिन क्या आप जानते हैं विदाई के दौरान बेटी को कुछ ऐसी चीज हैं जो कभी भी नहीं देनी चाहिए। अन्यथा, इससे आपकी बेटी के शादीशुदा जीवन पर ग्रहण लग सकता है।

शादी के नियम (Marriage Rituals)

हिंदू धर्म में शादी का बंधन बहुत ही पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दौरान लड़का और लड़की एक-दूसरे के साथ जीने-मरने की कसमें खाते हैं। दोनों मिलकर एक नए सफर की शुरुआत करते हैं। भारत में हर समुदाय के लोग शादी की रस्मों के साथ यह कार्यक्रम करते हैं। इस दौरान दो परिवार का भी मिलन होता है। शादी की डेट फाइनल होने के बाद घरों में तैयारियां शुरू होने लगती है। दूल्हा-दुल्हन भी तैयारियों में जुट जाते हैं। वहीं, शादी से पहले कुछ रस्में भी निभाई जाती हैं, जिनका काफी ज्यादा महत्व होता है। जिसकी शुरुआत माटी मटकोर से की जाती है। इसके बाद तरह-तरह के रस्में निभाई जाती है, इनमें से एक विदाई की रस्म भी शामिल है।

ना दें ये चीजें (Vidai Ki Rasam)

  • दिवाली के समय धनतेरस के दिन अवश्य ही झाड़ू खरीदा जाता है, जिसमें स्वयं माता लक्ष्मी का वास होता है। इसलिए कुछ लोग अपनी बेटी को उपहार के तौर पर झाड़ू भी दे देते हैं, लेकिन विदाई के समय कभी भी बेटी को झाड़ू नहीं देना चाहिए। यह अपशगुन माना जाता है। ऐसा करने से बेटी के जीवन में कभी भी सुख और शांति नहीं आएगी। उसका जीवन सदैव दुखों से भरा रहेगा।
  • कुछ लोग विदाई के समय किचन के भी कुछ सामान देकर विदा करते हैं। जैसे बर्तन, गिलास, कटोरी, चम्मच, कढ़ाई, आदि। इन सब में कुछ लोग छलनी भी दे देते हैं, लेकिन बेटी को भूल कर भी आटे की छलनी नहीं देनी चाहिए। इससे उनके जीवन में नकारात्मकता बढ़ती है और शादीशुदा जीवन कलह से भर जाता है।
  • वहीं, कुछ लोग बेटी की विदाई के दौरान आचार भेंट करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं जिस तरह अचार स्वाद में खट्टा होता है, ठीक उसी तरह यह आपकी बेटी के दांपत्य जीवन में भी खटास भर सकता है। रिश्तो में दूरियां ना पड़े, इसलिए मायके पक्ष से कभी भी बेटी को विदाई के दौरान आचार नहीं देना चाहिए।
  • इसके अलावा, कुछ लोग विदाई के दौरान नुकीली चीज भी दे देते हैं। जिनमें सुई आदि शामिल है। इसे घर गृहस्ती के समान के तौर पर ही देखा जाता है, लेकिन इससे बेटी के शादीशुदा जीवन में काफी ज्यादा दुख और परेशानी आने लगती है। रिश्तो में मधुरता की जगह खटास पैदा होने लगते हैं। दरार बढ़ने से लड़ाई-झगड़े बढ़ते हैं। यदि आप अपनी बेटी के जीवन में खुशहाली चाहते हैं, तो उन्हें भूलकर भी नुकीली चीज देकर विदाई ना करें।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।)


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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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