Forest Bathing : दुनियाभर में क्यों लोकप्रिय हो रहा है ‘वन स्नान’, जानिए जापान की इस अनोखी ‘शिनरिन योकू’ प्रथा के बारे में

प्रकृति को सबसे अच्छा डॉक्टर कहा जाता है। प्राकृतिक वातावरण न सिर्फ हमें खुशी और तनाव से मुक्ति देता है बल्कि कई तरह के स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करता है। यही कारण है कि हर संस्कृति में प्रकृति को किसी न किसी रूप में सराहा जाता है। इसीलिए प्रकृति से नज़दीक रहने की सलाह भी दी जाती है। ख़ासकर, शहरीकरण के बढ़ते दौर में जब हम कॉंक्रीट के जंगलों से घिर गए हैं...वास्तविक जंगलों की अहमियत बढ़ती जा रही है। अपने मन को स्वस्थ और तरोताजा करने के लिए प्रकृति का सान्निध्य जरूरी है और यही वन-स्नान की थ्योरी भी है।

Shinrin Yoku

Japanese practice Shinrin Yoku i.e. forest bathing : ‘धूप में निकलो, घटाओं में नहाकर देखो’ निदा फाज़ली की ग़ज़ल की ये मशहूर पंक्ति है। शायर इसमें जो बात कह रहा है..जापान में वो दरअसल एक प्रथा है। हम बात कर रहे हैं ‘फॉरेस्ट बाथिंग’ की जिसे जापानी भाषा में शिनरिन-योकू कहा जाता है। इसे हम ‘वन स्नान’ या ‘जंगल स्नान’ कहते हैं। ये जंगल में समय बिताने और प्रकृति से जुड़ने की एक जापानी प्रथा है।

जापानी भाषा में ‘शिनरिन’ शब्द का अर्थ है ‘जंगल’ और ‘योकू का अर्थ है ‘स्नान। इस तरह इसका अर्थ हुआ ‘जंगल स्नान’। ये वहां चिकित्सीय विश्राम का एक अभ्यास या प्रक्रिया है जहां व्यक्ति प्रकृति से एकात्म होने के लिए संवेदी जुड़ाव पर ध्यान केंद्रित करते हुए जंगल या प्राकृतिक वातावरण में कुछ समय बिताता है। ‘वन स्नान’ के दौरान व्यक्ति प्राकृतिक परिवेश के दृश्यों, ध्वनियों और खुशबू को महसूस करता है और प्रकृति के साथ सचेतन रूप से जुड़ता है।

क्या है Forest bathing

फॉरेस्ट बाथिंग..एक ऐसी अनोखी प्रथा है जिसमें लोग मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए जंगल के वातावरण में समय बिताते हैं। जापान में इसे 1980 के दशक में एक राष्ट्रीय स्वास्थ्य पहल के हिस्से के रूप में शुरू किया गया। फॉरेस्ट बाथिंग का मतलब सिर्फ जंगल में घूमना भर नहीं है, बल्कि गहराई से जंगल को महसूस करना है। इसे अपनी गहरी सांसों और ध्यानपूर्वक प्रकृति में मौजूद रहने की एक विधि के रूप में अपनाया जाता है, जिससे व्यक्ति की एकाग्रता और मानसिक स्पष्टता में सुधार होता है। आसान शब्दों में कहें तो बहुत ज्यादा शारीरिक गतिविधि, लंबी पैदल यात्रा या व्यायाम की बजाय ये ख़ुद को प्रकृति में डुबो देने का अभ्यास है जिससे व्यक्ति को गहराई से आराम करने, तनाव मुक्त और तरोताजा होने का मौका मिलता है। फॉरेस्ट बाथिंग की ख़ासियत इस बात में भी है कि इसके लिए किसी विशेष उपकरण या तैयारी की आवश्यकता नहीं होती है। सिर्फ प्रकृति में शांतिपूर्वक समय बिताना ही पर्याप्त है। यह उन लोगों के लिए एक सरल उपाय है जो अपनी मानसिक और शारीरिक स्थिति में सुधार चाहते हैं।

क्यों बढ़ रही है Shirin Yoku की लोकप्रियता

फॉरेस्ट बाथिंग आजकल कई देशों में लोकप्रिय हो रही है, खासकर उन स्थानों पर जहां लोग शहरीकरण के कारण प्रकृति से दूर हो गए हैं। अमेरिका, दक्षिण कोरिया और कई यूरोपीय देशों में अब इसे लोग मानसिक शांति और स्वास्थ्य सुधार के लिए एक कारगर तरीके के रूप में अपना रहे हैं। यह एक प्रकार का प्राकृतिक थेरेपी है जो लोगों को आधुनिक जीवन की भागदौड़ से निकलकर प्रकृति की शांति में लौटने का अवसर देती है। मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर इसके लाभ को कई स्थानों में चिकित्सा जगत ने भी मान्यता दी हैं। वैज्ञानिक अध्ययनों से संकेत मिलता है कि वन स्नान तनाव को कम करने, रक्तचाप कम करने और मूड को बेहतर बनाने में मदद करता है। माना जाता है कि पेड़ों से निकलने वाले आवश्यक तेलों, जिन्हें फाइटोनसाइड्स कहा जाता है, के संपर्क में आने से इन्यूनिटी बढ़ाने में मदद मिलती है और प्राकृतिक किलर (एनके) कोशिकाओं के स्तर में वृद्धि होती है, जो संक्रमण को रोकने और संभावित रूप से कैंसर के खतरे को कम करने में भूमिका निभाते हैं। जापान में इस प्रथा को लोकप्रिय बनाने के लिए विशेष फॉरेस्ट थैरेपी टूर आयोजित किए जाते हैं, जिनमें गाइड लोगों को प्राकृतिक अनुभव का सही तरीका सिखाते हैं।

कैसे करें ‘वन स्नान’

‘वन स्नान’ करने के लिए प्राकृतिक, हरा-भरा स्थान खोजें। अपनी सभी इंद्रियों को शामिल करते हुए धीरे-धीरे आगे बढ़ें। पत्तों की सरसराहट की आवाज़ सुनें, छाल की बनावट को महसूस करें और जंगल की हवा को महसूसते हुए गहरी साँस लें। वहां की महक, पेड़ों की बनावट, पक्षियों की आवाज और हरियाली का अनुभव करें। जंगल की अपनी एक खुशबू, अपनी आवाज़ें होती हैं। उन्हें देखें, महसूसें और जिएं। लेकिन इन सबके लिए आपको अपना ध्यान केंद्रित करना पड़ेगा। इसीलिए, इस दौरान इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से दूर रहने को कहा जाता है। जापान में प्रशिक्षित विशेषज्ञों के नेतृत्व में भी ‘वन चिकित्सा’ सत्र कराए जाते हैं लेकिन अन्य स्थानों पर जहां ये सुविधा उपलब्ध नहीं है, व्यक्ति ख़ुद इसकी प्रैक्टिस कर सकता है। आप अकेले या समूह बनाकर वन स्नान कर सकते हैं।

फॉरेस्ट बाथिंग के लाभ

  • तनाव में कमी : अध्ययनों के अनुसार, ये तनाव वाले हार्मोन को कम करके मानसिक शांति प्रदान करती है।
  • प्रतिरोधक क्षमता में सुधार : पेड़ों द्वारा छोड़े गए फाइटोनसाइड्स इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं।
  • ब्लड प्रेशर और दिल की सेहत में सुधार : जंगल की शांति और प्राकृतिक हवा का प्रभाव रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक होता है।
  • सकारात्मकता:  जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने और जीवन संतुलन में सुधार करने में मदद करता है।
  • खुशी में वृद्धि : इससे मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है और खुश रहने की भावना को बढ़ावा मिलता है।
  • रचनात्मकता में बढ़ावा : एकांत में समय बिताने से विचारों में स्पष्टता आती है, जिससे रचनात्मकता का विकास होता है।
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार : पेड़ों द्वारा छोड़े गए फाइटोनसाइड्स जैसे प्राकृतिक रसायनों के संपर्क में आने से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होती है।

(डिस्क्लेमर : ये लेख सामान्य जानकारियों पर आधारित है। हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं।)


About Author
श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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