Gardening Tips: अच्छी देखभाल करने के बाद भी पौधे के पत्ते हो जाते हैं पीले, जान लें कारण और निवारण

Gardening Tips: गुड़हल के पत्तों का पीला पड़ना कई कारणों से हो सकता है। यदि आप पत्तों का पीला पड़ना रोकना चाहते हैं, तो आपको पौधे की अच्छी देखभाल करनी चाहिए और उसे उचित वातावरण प्रदान करना चाहिए।

भावना चौबे
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Gardening Tips: गार्डनिंग करने का शौक बहुत लोगों को होता है। लोग शौक ही शौक में पौधे तो लगा लेते हैं लेकिन उनकी देखभाल करना मुश्किल हो जाता है। आपने अक्सर देखा होगा की अच्छी देखभाल करने के बाद भी कई बार पौधों की ग्रोथ रुक जाती है या फिर फूलों की पत्तियों में छेद होने लगते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों होता है। आज हम विशेषतौर पर गुड़हल के पौधों के बारे में बातें करेंगे। गुड़हल, जिसे हिबिस्कस भी कहा जाता है, एक खूबसूरत फूल वाला पौधा है। यह पौधा अपने चमकीले रंगों और विभिन्न किस्मों के लिए जाना जाता है। यदि आप देखते हैं कि आपके गुड़हल के पत्ते अचानक पीले होने लगे हैं, तो यह चिंता का विषय हो सकता है। पत्तों का पीला पड़ना कई कारणों से हो सकता है, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं।

पत्तों के पीले होने का यह कारण हो सकता है

अधिक पानी देना

आपके मन में भी अक्सर यह सवाल आता होगा कि पानी देने के बाद भी आखिर पौधे के पत्ते पीले क्यों हो रहे हैं। दरअसल कई बार अधिक मात्रा में पानी देना भी पीले पत्तों का कारण बन सकता है। ज्यादा पानी देने पर पौधे की जड़े सड़ने लगते हैं, जिस वजह से पौधा कमजोर हो जाता है और पत्ते पीले होने लगते हैं। अगर पानी देने के दूसरे दिन तक भी मिट्टी गीली रहती है तो ऐसे में आपको और पानी नहीं देना है, एक दिन के गैप में ही गुड़हल के पौधे में पानी दें।

पोषक तत्वों की कमी

पोषक तत्वों की कमी भी पीले पत्ते का मुख्य कारण हो सकती है। पौधे में आप किस प्रकार की मिट्टी का उपयोग कर रहे हैं इसका अवश्य ध्यान रखें। मिट्टी में गोबर का खाद बनाकर ना डालें, इस प्रकार के फर्टिलाइजर से न सिर्फ पत्ते पीले होते हैं बल्कि सुख भी जाते हैं।

अत्यधिक धूप

यदि गुड़हल को बहुत अधिक धूप मिलती है, तो उसके पत्ते जल सकते हैं और पीले हो सकते हैं। इसलिए अपने गुड़हल के पौधे पर सीधी धूप ना पड़ने दें, पौधे के आसपास छाव की व्यवस्था करें, ग्रीन नेट का इस्तेमाल करें।

यह अन्य कारण भी पीले पत्ते होने के कारण हो सकते हैं

रोग: कुछ रोग, जैसे कि जंग और पत्तों का धब्बा, भी पत्तों को पीला कर सकते हैं।

कीट: कुछ कीट, जैसे कि मकड़ी के घुन और एफिड्स, पत्तों का रस चूसते हैं और उन्हें पीला कर देते हैं।

पर्यावरण में बदलाव: यदि आप गुड़हल को एक नए स्थान पर ले जाते हैं, तो तापमान और प्रकाश में बदलाव से पत्ते पीले हो सकते हैं।

क्या उपचार करें

यदि पत्तों का पीला पड़ना पोषक तत्वों की कमी के कारण होता है, तो आपको उचित उर्वरक का उपयोग करना चाहिए। यदि पत्तों का पीला पड़ना अत्यधिक पानी या धूप के कारण होता है, तो आपको पानी और धूप की मात्रा को कम करना चाहिए। यदि पत्तों का पीला पड़ना रोग या कीटों के कारण होता है, तो आपको उचित उपचार करने चाहिए। यदि पत्तों का पीला पड़ना पर्यावरण में बदलाव के कारण होता है, तो आपको पौधे को धीरे-धीरे नए वातावरण के अनुकूल होने देना चाहिए। गुड़हल को अच्छी तरह से सूखा और उपजाऊ मिट्टी में लगाएं। नियमित रूप से पानी दें, लेकिन मिट्टी को गीला न रखें। गुड़हल को पर्याप्त धूप दें, लेकिन उसे सीधे धूप से बचाएं। उचित उर्वरक का उपयोग करें। रोगों और कीटों के लिए नियमित रूप से पौधे की जांच करें।

Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।


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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं। मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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