GST Council Meeting: पॉपकॉर्न खाने का शौक है तो अब चुकाने होंगे ज्यादा पैसे, 18% तक देना होगा जीएसटी

अब आप थियेटर या फिर मल्टीप्लेक्स में कोई मूवी देखने जा रहे हैं तो याद रखिये ये आपकी जेब पर पहले से भारी पड़ने वाला है, आप जैसे ही पॉपकॉर्न खरीदेंगे आपकी चॉइस के हिसाब से बेचने वाला उसमें जीएसटी जोड़कर कीमत वसूलेगा।

Atul Saxena
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GST Council Meeting: गली मोहल्लों से निकलकर मॉल और थियेटर्स, मल्टीप्लेक्स तक पहुँचने वाला मक्के का फूला कब पॉपिंग कॉर्न से होकर पॉपकॉर्न बन गया और रईसों का शौक बन गया पता ही नहीं चला। कागज के लिफाफे में गाँव शहरों के मेलों में मिलने वाला ये पॉपकॉर्न जब एक खूबसूरत प्रिंटेड पैकेट और फ्लेवर में आने लगा और इसके खाने के शौकीनों की संख्या तेजी से बढ़ने लगी तो सरकार की निगाहें भी इस पर पड़ गई है। इसलिए जीएसटी काउंसिल ने आज इस पर जीएसटी लगाने का फैसला कर लिया।

राजस्थान के जैसलमेर में आज जीएसटी काउंसिल की 55 वीं बैठक हुई, इसमें कई बिन्दुओं पर चर्चा हुई और फैसले लिए ग।, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में सदस्यों की सहमति से पॉपकॉर्न को जीएसटी के दायरे में लाने का फैसला भी हुआ, यानि अब रेडी टू ईट पॉपकॉर्न खाने के लिए आपको ज्यादा पैसे चुकाने होंगे।

इस क्वालिटी के पॉपकॉर्न पर सबसे ज्यादा टैक्स

जीएसटी काउंसिल की इस बैठक में पॉपकॉर्न की क्वालिटी और फ्लेवर के हिसाब से उन्हें अलग अलग कैटेगरी में रखा गया है, नमक और मसालों से बनाए गए पॉपकॉर्न, जो पहले से पैक नहीं है और जिन पर लेबल नहीं लगा है उन पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगेगी, पैकेज्ड और लेबल होने पर इस पर जीएसटी बढ़कर 12 फीसदी लगेगा और कैरेमल से तैयार पॉपकॉर्न पर 18 फीसदी जीएसटी देना होगा इसे ‘चीनी कन्फेक्शनरी’ की कैटेगरी में गया गया है इसे अमीर लोग ज्यादा पसंद करते हैं।

पुरानी कार बेचने पर देना होगा 18% जीएसटी

जीएसटी काउंसिल की बैठक में एक और ऐसा फैसला हुआ है जिससे जेब को झटका लगेगा, सरकार ने अब पुरानी कारों के बेचने पर 18 फीसदी जीएसटी लगा दिया है। इस बैठक में जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के प्रीमियम पर टैक्स घटाने के फैसले पर भी चर्चा हुई लेकिन इसे टाल दिया गया, बैठक में तय हुआ कि इस बारे में कुछ और तकनीकी पहलुओं को दूर करने की जरूरत है इसलिए इस पर आगे विचार करने का काम जीओएम को सौंपा जाएगा
बहरहाल अब आप थियेटर या फिर मल्टीप्लेक्स में कोई मूवी देखने जा रहे हैं तो याद रखिये ये आपकी जेब पर पहले से भारी पड़ने वाला है, आप जैसे ही पॉपकॉर्न खरीदेंगे आपकी चॉइस के हिसाब से बेचने वाला उसमें जीएसटी जोड़कर कीमत वसूलेगा।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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