Health Update : डेंगू शॉक सिंड्रोम है खतरनाक, समझिये इसके लक्षण और बचाव के उपाय

Health Update :  इस समय डेंगू बहुत तेजी से पैर पसार रहा है, मध्य प्रदेश के कई शहरों में रोज डेंगू मरीज मिल रहे हैं, वैसे डेंगू मच्छर के काटने से होने वाली एक सामान्य बीमारी है लेकिन यदि लापरवाही बरती गई और मरीज का उचित इलाज नहीं हुआ तो ये जानलेवा भी साबित हो सकती है। डॉक्टर्स की माने तो यदि लापरवाही के चलते मरीज की स्थिति डेंगू शॉक सिंड्रोम तक पहुँच जाये तो बहुत खतरनाक होती है।

डॉक्टर्स के मुताबिक यदि मरीज को डिटेक्ट हुआ डेंगू तीसरे स्टेज का हो तो वो स्थिति डेंगू शॉक सिंड्रोम (Dengue Shock Syndrome) होती है जो बहुत खतरनाक होती है। मरीज का यदि फौरन इलाज शुरु नहीं किया गया, तो मरीज की जान भी जा सकती है।

क्या होता है डेंगू शॉक सिंड्रोम?

दरअसल, यह डेंगू का ही एक प्रकार का वेरिएंट है, जिसमें मरीज की स्थिति गंभीर हो सकती है। इस सिंड्रॉम के लक्षण, डेंगू के सामान्य स्ट्रेन से अलग हो सकते हैं। इस अवस्था में पहुंचे मरीज के शरीर में जकड़न, शरीर के कुछ हिस्सों में तेज दर्द या फिर तेज बुखार जैसी स्थिति देखने को मिल सकती है। डेंगू शॉक सिंड्रोम में त्वचा ठंडी पड़ने लगती है और साथ ही होठ भी नीले पड़ सकते हैं।

क्या है डेंगू शॉक सिंड्रोम के लक्षण?

डेंगू की गंभीर तीसरी स्टेज डेंगू शॉक सिंड्रोम कही जाती है। रोगी में दिखने वाले कुछ लक्षणों से इसकी पहचान की जाती है। जब मरीज इस स्थिति में पहुँच जाता है तो वो पसीने से तर हो जाता है उसे तेज कंपकंपी आती है। इसके अलावा इस स्थिति में मरीज के शरीर पर पड़ने वाले लाल चकते अधिक गहरे हो जाते है और उनमें खुजली होने लगती है। मरीज की नब्ज सामान्य से धीरे और कम चलती है। धीरे-धीरे मरीज अपने होश तक खोने लगता है।

डेंगू से कैसे करें बचाव 

डेंगू की इस स्टेज से बचने के लिए सबसे पहले मच्छरों से सभी को अपना बचाव करना चाहिए । घर के आसपास साफ़ सफाई रखना चाहिए कहन भी पानी का जमाव नहीं होना चाहिए, घर के कूलर की नियमित सफाई करें जिससे मच्छर पनपने का खतरा ना हो। बारिश के मौसम में दिन में भी फुल आस्तीन के कपड़े पहनना चाहिए। ध्यान रहे डेंगू का मच्छर दिन में ही काटता है। इसलिए दिन में भी मच्छरों से सतर्क रहें। घर के खिड़की दरवाजे आदि बंद रखें, जिससे मच्छर घर तक न आ सकें। इसके अलावा बुखार होने पर लापरवाही बरतने की जगह फौरन ब्लड टेस्ट करवाएं, जिससे यदि डेंगू के लक्षण आते है तो समय पर उसका इलाज शुरू हो सके।

Disclaimer : यहाँ दी गई जानकारी एक सामने जानकारी है, हमारा उदेश्य आपको डराना नहीं सतर्क करना है , किसी भी तरह की समस्या होने पर तत्काल अपने डॉक्टर या नजदीकी अस्पताल से संपर्क करें ।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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