Homemade Fertilizer: आम के छिलके फेंकना बंद करें, पौधों की अच्छी ग्रोथ के लिए ऐसे करें इस्तेमाल

Homemade Fertilizer: अक्सर लोग आम का स्वादिष्ट गूदा खाकर उसके छिलके को बेकार समझकर फेंक देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये छिलके आपके बगीचे के लिए एक खजाना हो सकते हैं? जी हाँ, आम के छिलके पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, जो आपके पौधों के लिए अत्यंत लाभकारी होते हैं। इनमें फाइबर, विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। ये पोषक तत्व पौधों की वृद्धि, स्वास्थ्य और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

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Homemade Fertilizer: आम के छिलकों का उपयोग करके आप घर पर ही प्राकृतिक खाद और कीटनाशक बना सकते हैं। खाद बनाने के लिए, छिलकों को धोकर सुखा लें और फिर उन्हें पीसकर पाउडर बना लें। इस पाउडर को मिट्टी में मिलाकर या पानी में घोलकर पौधों को सींचें। कीटनाशक बनाने के लिए, छिलकों को पानी में उबालकर छान लें। इस घोल को पौधों पर स्प्रे करें। आम के छिलके न केवल आपके पौधों को पोषण देते हैं, बल्कि मिट्टी की उर्वरता भी बढ़ाते हैं। साथ ही, ये हानिकारक कीटों और बीमारियों से पौधों की रक्षा करते हैं, तो अगली बार जब आप आम खाएं, तो उसके छिलकों को फेंकने की बजाय, उनका उपयोग अपने पौधों को स्वस्थ और हरा-भरा बनाने के लिए करें। यह प्रकृति का एक अनमोल उपहार है जिसे आप व्यर्थ नहीं जाने देना चाहिए।

पौधों की अच्छी ग्रोथ के लिए ऐसे करें इस्तेमाल

1. खाद बनाने के लिए

आम के छिलकों को धोकर छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें। इन टुकड़ों को एक बर्तन में डालें और उनमें पानी भरें। इस मिश्रण को 2-3 सप्ताह तक धूप में रखें, बीच-बीच में हिलाते रहें। जब यह मिश्रण गहरा भूरा रंग का हो जाए और उससे खट्टी गंध आने लगे, तो यह खाद बनकर तैयार है। इस खाद को पौधों की जड़ों में डालें या पानी में मिलाकर पौधों को सींचें।

2. कीटनाशक बनाने के लिए

आम के छिलकों को 10-12 दिनों तक धूप में सुखा लें। सूखे हुए छिलकों को पीसकर पाउडर बना लें। इस पाउडर को पानी में मिलाकर स्प्रे बोतल में भर लें।
इस घोल को पौधों पर छिड़कें, खासकर उन जगहों पर जहां कीड़े दिखाई दें।

3. आम के छिलके के इस्तेमाल के फायदे:

यह पौधों को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है, जैसे कि नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम। यह मिट्टी की उर्वरता बढ़ाता है और जल धारण क्षमता में सुधार करता है। यह हानिकारक कीटों और बीमारियों से पौधों की रक्षा करता है। यह एक प्राकृतिक और किफायती विकल्प है रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के लिए।


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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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