क्या आप भी अपनाना चाहते हैं वीगन लाइफस्टाइल! जानें, खाने के साथ पहनने और इस्तेमाल की किन चीजों को कहना होगा अलविदा

वीगन जीवनशैली पशु कल्याण, पर्यावरण संरक्षण और स्वास्थ्य लाभ को प्रोत्साहित करती है। यह मांस, डेयरी, अंडे और पशु-आधारित उत्पादों से पूरी तरह दूरी बनाकर cruelty-free और सस्टेनेबल विकल्प अपनाने पर आधारित है। इसमें पौधों पर आधारित आहार, पर्यावरण-अनुकूल वस्त्र और पशु परीक्षण रहित उत्पादों का उपयोग शामिल है। यह जीवनशैली नैतिकता और सस्टेनेबिलिटी को एक साथ जोड़ती है।

Vegan

Vegan Lifestyle : इन दिनों वीगन जीवनशैली की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। इसके पीछे कई कारण हैं जिनमें सबसे प्रमुख है पशु कल्याण। लोग मांस और डेयरी उद्योग में पशुओं के साथ होने वाले अमानवीय व्यवहार से बचने के लिए वीगन विकल्प चुनते हैं। दूसरा कारण पर्यावरण संरक्षण है। पशु कृषि ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन, भूमि और जल संसाधनों की अत्यधिक खपत के लिए जिम्मेदार है। इसके अलावा, इसके स्वास्थ्य लाभ भी लोगों को आकर्षित करते हैं क्योंकि पौधों पर आधारित आहार हृदय रोग, मधुमेह और मोटापे सहित कई जोखिम को कम कर सकता है।

आधुनिक समय में सस्टेनेबिलिटी और नैतिक जिम्मेदारी के प्रति बढ़ती जागरूकता ने भी लोगों को वीगन बनने के लिए प्रेरित किया है। साथ ही, बाजार में वीगन उत्पादों की उपलब्धता और स्वादिष्ट विकल्पों की बढ़ोतरी इसे और आसान बना रही है। सोशल मीडिया और प्रभावशाली व्यक्तित्व भी इस जीवनशैली को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

क्यों बढ़ रहा है Vegan जीवनशैली का ट्रेंड

वीगन होने का ट्रेंड आजकल तेजी से बढ़ रहा है। पशु पक्षियों के प्रति क्रूरता कम करना इसका प्राथमिक उद्देश्य है। साथ ही ये विकल्प पर्यावरण हितैषी भी है। अध्ययन बताते हैं कि प्लांट-बेस्ड डाइट हृदय रोग, मोटापा, मधुमेह और कैंसर जैसे रोगों के खतरे को कम करते हैं। वहीं, इसे नैतिकता से भी जोड़कर देखा जाता है। वीगन जीवनशैली को प्रचारित करने में सोशल मीडिया और कई सेलिब्रिटीज का भी बड़ा योगदान है। कई मशहूर हस्तियाँ वीगन बनकर इसके फायदों के बारे में जागरूकता फैला रही हैं। इकोनॉमी और सस्टेनेबिलिटी भी इसका एख कारण है। अब प्लांट-बेस्ड फूड इंडस्ट्री तेजी से बढ़ रही है और लोग लोग स्थायी sustainable विकल्पों की ओर आकर्षित हो रहे हैं।

वीगन और शाकाहारी होने में क्या अंतर है

वीगन लोग केवल पौधों पर आधारित खाद्य पदार्थ खाते हैं, जैसे फल, सब्जियां, अनाज, दालें, नट्स, बीज, और सोया उत्पाद (जैसे टोफू, सोया दूध)। वे प्लांट-बेस्ड दूध, दही, पनीर, और मांस विकल्पों का भी उपयोग करते हैं। वीगन डाइट में किसी भी प्रकार का पशु-आधारित उत्पाद, जैसे दूध, दही, अंडा, शहद, और मांस शामिल नहीं होता।

शाकाहारी और वीगन होने में मुख्य अंतर यह है कि शाकाहारी लोग मांस और अंडे से बचते हैं लेकिन डेयरी उत्पाद खाते हैं। वहीं, वीगन जीवनशैली पूरी तरह से पशु-आधारित उत्पादों और उनके उपयोग (जैसे चमड़े और रेशम) से परहेज करती है। वीगन होने का उद्देश्य केवल आहार तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पशु कल्याण और पर्यावरण संरक्षण के प्रति नैतिक दृष्टिकोण पर आधारित है और इसमें खाने पीने की वस्तुओं के साथ कपड़े और अन्य इस्तेमाल की चीजें भी शामिल होती हैं।

खाने पीने के अलावा इन वस्तुओं से भी बनाई जाती है दूरी

वीगन होने का मतलब सिर्फ खाने पीने तक सीमित नहीं है, बल्कि अपनी जीवनशैली में पशु-आधारित उत्पादों से पूरी तरह दूरी बनाना है। वीगन लोग चमड़े, ऊन, रेशम, फर, और पशु परीक्षण वाले सौंदर्य उत्पादों का उपयोग नहीं करते। इसके अलावा, शहद और जेलाटिन जैसे पशु-उत्पादित सामग्री से भी परहेज करते हैं। वीगन लोग ऐसे कपड़े, जूते और घरेलू उत्पाद चुनते हैं जो पूरी तरह से cruelty-free और पर्यावरण-अनुकूल हों। यह जीवनशैली पशु कल्याण, पर्यावरण संरक्षण और नैतिक जिम्मेदारी पर आधारित है।

पहनने की चीज़ें

1. चमड़ा (Leather) : पशुओं की खाल से बनाया जाता है। जूतों, जैकेट्स, बैग्स, बेल्ट्स और वॉलेट्स में आमतौर पर उपयोग होता है।
2. ऊन (Wool) : भेड़, बकरी (कश्मीरी), और अलपाका जैसे जानवरों से प्राप्त होता है। स्वेटर्स, जैकेट्स, शॉल, और मोज़ों में पाया जाता है।
3. रेशम (Silk) : रेशम के कीड़ों (सिल्कवर्म्स) से प्राप्त किया जाता है। साड़ियों, टाई और शालों में मुख्य रूप से उपयोग किया जाता है।
4. फर (Fur) : जानवरों के फर से बनाए गए कोट्स, टोपी और अन्य पहनावे।
5. डक डाउन (Down) : बतख या हंस के पंखों से बनाया जाता है। जैकेट्स, तकिए और कंबलों में उपयोग होता है।
6. मोती : सीप और शंख से प्राप्त किए जाते हैं। गहनों आदि में उपयोग होता है।

इस्तेमाल की चीज़ें

1. कॉस्मेटिक्स और टॉयलेटरीज़ : कई ब्यूटी और स्किनकेयर उत्पादों में शहद, बीज़वैक्स, लैनोलिन (ऊन से प्राप्त) और कारमाइन (कीड़ों से प्राप्त लाल रंग) का उपयोग होता है। वीगन उत्पाद चुनने के लिए “क्रुएल्टी-फ्री” और “वीगन” लेबल देखें।
2. फर्नीचर और सजावट का सामान : चमड़े के सोफे, कालीन (ऊन से बने), और अन्य पशु-आधारित सामग्री से बने उत्पाद।
3. साफ-सफाई के उत्पाद : कई डिटर्जेंट, साबुन, और क्लीनिंग प्रोडक्ट्स में पशु-आधारित सामग्री होती है।
4. मोमबत्तियां : पारंपरिक मोमबत्तियों में बीज़वैक्स (मधुमक्खी का मोम) का उपयोग होता है।
5. ग्लू (चिपकाने वाले उत्पाद) : पारंपरिक गोंद में पशुओं की हड्डियों और चमड़े का उपयोग किया जा सकता है।

वैकल्पिक सामग्री

अगर आप वीगन जीवनशैली अपनाने का सोच रहे हैं, तो उत्पादों के लेबल को पढ़ना और “वीगन सर्टिफाइड” विकल्प चुनना एक अच्छा तरीका है। उपरोक्त वस्तुओं के स्थान पर वीगन लोग इन उत्पादों का उपयोग कर सकते हैं।
पहनने के लिए : सिंथेटिक चमड़ा, कपास, लिनेन और बांस।
कॉस्मेटिक्स : प्लांट-बेस्ड और क्रुएल्टी-फ्री ब्रांड्स।
होम डेकोरेशन : सिंथेटिक सामग्री और वनस्पति-आधारित फर्नीचर।


About Author
श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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