Chaitra Navratri 2024: नवरात्रि का तीसरा दिन होता है मां चंद्रघंटा को समर्पित, करें ये सरल पूजा विधि और पाएं जीवन में सुख- समृद्धि

Chaitra Navratri 2024: मां चंद्रघंटा नौ देवियों में से तीसरी देवी हैं, जिनकी पूजा चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन की जाती है। उनका नाम उनके सिर पर घंटे के आकार का घंटा पहनने के कारण रखा गया है। माँ चंद्रघंटा युद्ध की देवी हैं और उनका स्वरूप शांत और भव्य दोनों है।

Chaitra Navratri

Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 9 अप्रैल से हो चुकी है। आज चैत्र नवरात्रि का तीसरा दिन है जो की मां चंद्रघंटा को समर्पित होता है। नवरात्रि के 9 दिन माता रानी के लोग अलग-अलग स्वरूपों की पूजा अर्चना की जाती है। नवरात्रि के तीसरे दिन माता दुर्गा के तीसरे स्वरूप माँ चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। देवी चंद्रघंटा का स्वरूप अत्यंत भयानक और पराक्रमी है। इनके मस्तक पर अर्धचंद्र है, जिसके कारण उन्हें मां चंद्रघंटा कहा जाता है। मां चंद्रघंटा को शांत करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए नवरात्रि के तीसरे दिन इनका विधि-विधान से पूजन किया जाता है।

मां चंद्रघंटा के मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र विराजमान है, जिसके कारण इन्हें चंद्रघंटा नाम प्राप्त हुआ है। इनके शरीर का रंग चमकदार सोने के समान होता है। मां चंद्रघंटा का वाहन सिंह है, जो शक्ति और पराक्रम का प्रतीक है। मां चंद्रघंटा के दस हाथ हैं, जो शक्ति और कर्मठता के दस रूपों का प्रतीक हैं। इनके हाथों में कमल, धनुष, बाण, खड्ग, कमंडल, तलवार, त्रिशूल और गदा जैसे अस्त्र-शस्त्र सुसज्जित हैं, जो इनकी शक्ति और पराक्रम का प्रतीक हैं। मां चंद्रघंटा के गले में सफेद फूलों की माला होती है, जो पवित्रता और सौंदर्य का प्रतीक है। मां चंद्रघंटा के शीर्ष पर रत्नजड़ित मुकुट विराजमान होता है, जो इनकी दिव्यता और भव्यता का प्रतीक है। मां चंद्रघंटा युद्ध की मुद्रा में विराजमान रहती हैं, जो इनकी वीरता और रणनीति का प्रतीक है। मां चंद्रघंटा तंत्र साधना में मणिपुर चक्र को नियंत्रित करती हैं, जो आध्यात्मिक शक्ति का केंद्र माना जाता है।

पूजा विधि

1. सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
2. पूजा स्थान को साफ करें और मां चंद्रघंटा की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
3. एक कलश स्थापित करें और उसमें जल, अक्षत, सुपारी, लौंग, इलायची, और तांबे का सिक्का डालें।
4. कलश के ऊपर नारियल रखें और कलावा बांधें।
5. मां चंद्रघंटा को दीप, धूप, नैवेद्य, और फूल अर्पित करें।
6. मां चंद्रघंटा को दूध से बनी मिठाई या फिर खीर का भोग लगाएं।
7. मां चंद्रघंटा के मंत्रों का जाप करें।
8. मां चंद्रघंटा की आरती करें।
9. दिन भर व्रत रखें और मां चंद्रघंटा की पूजा करें।

करें इन मंत्रों का जाप

1. ॐ देवी चंद्रघंटायै नमः

2. पिण्डज प्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यम् चन्द्रघण्टेति विश्रुता॥

 

(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)


About Author
भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

Other Latest News