Chaitra Purnima 2024 : सनातन धर्म में चैत्र पूर्णिमा का महत्व अत्यंत उत्कृष्ट होता है। यह पर्व धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के साथ-साथ सामाजिक और सांस्कृतिक अन्य गतिविधियों के लिए भी महत्वपूर्ण है। इस अवसर पर लोग धार्मिक अनुष्ठान, पूजा-अर्चना, स्नान आदि करते हैं। विभिन्न क्षेत्रों में लोग मेले, महोत्सव, नृत्य-संगीत कार्यक्रम आदि का आयोजन करते हैं। यह पर्व समृद्धि, सौभाग्य, और संप्रेम का प्रतीक माना जाता है। इस दिन कार्तिक स्नान, सूर्योदय और सूर्यास्त के समय पूजा करने का विशेष महत्व होता है। वहीं, इस साल यह 23 अप्रैल को मनाई जाएगी। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको चंद्रमा की पूजा, दान और शुभ मुहूर्त बताएंगे।
चैत्र पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और चंद्रमा की पूजा का विशेष महत्व है। लोग इस दिन उनकी आराधना करते हैं और उन्हें प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। इसके अलावा, चैत्र पूर्णिमा के दिन कई लोग व्रत रखते हैं। लोग इस दिन को संतोष, शांति, और समृद्धि के साथ मनाते हैं।
तिथि
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, चैत्र पूर्णिमा की शुरुआत 23 अप्रैल को होगी, जबकि इसका समापन 24 अप्रैल को होगा। इसलिए व्रत, पूजा, दान और स्नान की सही तिथि 23 अप्रैल है।
जानें शुभ मुहूर्त
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, 23 अप्रैल को सुबह 11 बजकर 53 मिनट से दोपहर 12 बजकर 46 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त है। वहीं, चंद्रमा का उदय 23 अप्रैल को शाम 06 बजकर 25 मिनट पर होगा। इस दौरान चंद्रमा की पूजा का समय 23 अप्रैल को शाम 06 बजकर 25 मिनट के बाद होगा।
महत्व
चैत्र पूर्णिमा को गंगा नदी में स्नान करने का महत्व विशेष रूप से धार्मिक और आध्यात्मिक क्षेत्र में माना जाता है। इस दिन को भगवान विष्णु की पूजा करने और मानसिक एवं आध्यात्मिक शुद्धि के लिए भी शुभ माना जाता है। चंद्रमा की पूजा करके भक्त अपनी मानसिक शक्ति को स्थिर करते हैं और आध्यात्मिक उन्नति की दिशा में आगे बढ़ते हैं।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)