इस दिवाली मिलावटी खाद्य पदार्थों से बचिए, घर पर ही कीजिए नकली घी मावा पनीर की पहचान

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। त्यौहार का मौसम है और घर घर में पकवान बनाने की तैयारी शुरु हो गई है। अक्सर मिठाई और अन्य वस्तुएं बनाने के लिए हम मावा, पनीर, घी जैसी चीज़ें बाजार से खरीदकर लाते हैं। लेकिन यही समय है जब नकली खाद्य पदार्थ (adulterated food) कारोबारी भी सक्रिय हो जाते हैं। ऐसे में हमें सतर्क रहने की जरुरत है कि जो भी सामान हम ला रहे हैं वो नकली या मिलावटी न हो। ऐसा संदेह होने पर हम घर पर भी चैक कर सकते हैं कि मावा, पनीर या अन्य वस्तु असली है या नकली। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि इनकी पहचान कैसे करें।

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  • मावे की टिकिया बनाकर उसमें आयोडिन टिंचर की दो बूंद डालें। 5 मिनिट बाद देखें, अगर उसका रंग बदलकर काला या गहरा हो गया है तो वो नकली है। असली मावा केसरिया ही बना रहेगा। इसके अलावा आप मावे में थोड़ी चीनी डालकर उसे गर्म भी कर सकते हैं, अगर वो पानी छोड़ने लगे तो समझ जाइये कि नकली है। असली मावे को हाथ से रगड़ने पर वो घी छोड़ता है और पानी में भी आसानी से घुल जाता है।
  • पनीर को परखने के लिए उसे हाथ से मसलकर देखें। अगर वो आसानी से टूट जाए तो समझिए कि मिलावटी है। दूसरा तरीका है कि पनीर को थोड़ी देर गर्म पानी में उबाले। अब उसी पानी में सोयाबीन का आटा या पाउडर डाल दें। अगर पनीर नकली हुआ तो उसका रंग लाल हो जाएगा। असली पनीर काफी सॉफ्ट होता है, अगर आपके पास रबड़ की तरह खिंचने वाला पनीर है तो वो नकली है।
  • घी को लेकर अक्सर शिकायतें मिलती है। आपको इसे जांचना हो तो एक कटोरी में पानी लें और दो तीन बूंद घी डालें। अगर घी पानी में तैरता है तो वो असली है लेकिन अगर नीचे बैठ जाता है तो वो नकली है। एक पैन को गर्म करके उसमें एक चम्मच घी डाले और एकदम गर्म होने पर रंग देखिए। अगर वो डार्क ब्राउन जो जाए तो समझिए कि असली है। नकली घी पिघलने में भी ज्यादा टाइम लेता है और उसका रंग लाइट यलो हो जाता है। घी को उबालिये और 24 घंटे के लिए छोड़ दीजिए। इसके बाद अगर उसमें से खुशबू आए और वो दानेदार रहे तो असली है लेकिन उसकी गंध खराब हो जाए तो वो नकली घी है।
  • शहद मिलावटी तो नहीं ये जांचने के लिए कांच के गिलास में गर्म पानी लें। उसमें एक चम्मच शहद मिलाएं। अगर वो आसानी से घुल जाता है तो मिलावटी है और अगर नीचे बैठ जाता है तो असली है। एक लकड़ी में रुई लपेटकर उसमें शहद लगा दें। अब इसे मोमबत्ती पर जलाएं। अगर शहद जलने में टाइम लेता है तो वो मिलावटी है। टिश्यू पेपर से भी इसकी जांच कर सकते हैं। एक टिश्यू पर शहद की कुछ बूंदें टपकाएं, अगर पेपर उसे सोख लेता है तो वो नकली है। अगर शहद पेपर पर जम जाता है तो वो असली है।
  • केसर अक्सर मिठाइयों में रंग, खुशबू और फ्लेवर के लिए इस्तेमाल होती है। ये काफी महंगी आती है इसीलिए इसे चैक करना जरुरी है। एक कांच के बर्तन में गर्म पानी लें और उसमें केसर डाल दें। अगर केसर का रंग धीरे धीरे छूटे तो वो असली है, लेकिन नकली केसर तुरंत रंग छोड़ देगी। असली केसर पानी में कभी नहीं घुलती है, सिर्फ उसका रंग घुलता हैं लेकिन पत्तियां नहीं। आप इसे चखकर भी पहचान सकते हैं। थोड़ी केसर जीभ पर रखिए, अगर आपको हल्की कड़वाहट महसूस होत है तो ये असली केसर है। असली केसर की खुशबू मीठी लेकिन स्वाद हल्का कड़वा होता है। नकली केसर आपको खाने में मीठी लगेगी।
  • गुड़ का स्वाद मीठा होता है लेकिन नकली गुड़ सेहत के लिए बहुत कड़वा साबित हो सकता है। केमिकल मिला हुआ गुड़ स्वाद में कुछ कड़वा और नमकीन सा लगता है। थोड़ा गुड़ पानी में घोलिये, अगर ये नीचे बैठ जाता है तो नकली है। अगर गुड़ का रंग पीलापन लिए हुए है तो ये नकली है, असली गुड़ ब्राउन कलर का होता है।

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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।