गोपाष्टमी आज, पूरे देश में श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है पर्व, जानिए श्रीकृष्ण और गौमाता की पूजन विधि

Gopashtami

Gopashthami 2023 : आज गोपाष्टमी है। आज के दिन भगवान कृष्ण और गाय व बछड़े की पूजा की जाती है। कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को गोपाष्टमी का पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि आज के दिन कृष्ण भगवान और गौमाता की पूजा करने और गौदान करने से सारे बुरे कर्मों का प्रभाव दूर हो जाता है और मोक्ष की राह खुलती है।

श्रीकृष्ण और गौमाता की पूजा करें

धार्मिक मान्यतानुसार आज के दिन ही भगवान कृष्ण ने गौचारण लीला प्रारंभ की थी। इसी कारण इस दिन गोपाष्टमी मनाई जाती है। आज का दिन ब्रज, गोकुल, मथुरा, वृन्दावन, द्वारकाधीश और पुरी सहित कई स्थानों पर धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। आज के दिन भगवान विष्णु और श्री कृष्ण की पूजा का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इनकी पूजा करने से जीवन में सुख, समृद्धि, अच्छा स्वास्थ्य और शांति आती है। इसी के साथ आज लोग गायों और बछड़ों की पूजा भी करते हैं। उन्हें सुंदर तरीके से सजाया जाता है और विधि विधान से पूजा की जाती है।

पूजन विधि

आज सर्वप्रथम सुबह उठकर स्नान करें। अगर आपके घर के आसपास कोई पवित्र नदी हो तो वहां स्नान का विशेष महत्व है अन्यथा घर पर ही स्नानादि से निवृत्त होकर साफ वस्त्र धारण करें। अपने घर और पूजाघर को अच्छे से साफ करें और भगवान कृष्ण की मूर्ति को पंचामृत से स्नान कराएं। दीया जलाकर विधिनुसार उनकी पूजा करें और भगवान कृष्ण को माला और भोग का प्रसाद चढ़ाएं। आज के दिन सामान्यतया भोग में खीर, पूडी, सब्जी और हलवा बनाया जाता है। इसके बाद अपने घर में पाली गईं गायों और बछड़ों को स्नान कराएं। अगर आपके घर में गायें नहीं हैं तो आप किसी गौशाला में जा सकते हैं। गाय और बछड़ों का रोली और चंदन से तिलक करें और उन्हें भोजन कराएं।भगवान कृष्ण और गौमाता से आशीर्वाद लें और जीवन में अच्छे काम करने का संकल्प लें।

(डिस्क्लेमर : ये लेख विभिन्न स्त्रोतों से प्राप्त जानिकारियों पर  आधारित है। आप अपनी मान्यतानुसार पूजन विधि कर सकते हैं।)


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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