Hariyali Teej : हरियाली तीज सनातन धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह त्योहार सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना करते हुए व्रत रखती हैं। इस व्रत में महिलाएं निर्जला व्रत करती हैं और भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के साथ-साथ कथा सुनती हैं। हरियाली तीज का त्योहार विशेष रूप से उत्तर भारत में खासकर राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं हरे रंग के कपड़े पहनती हैं, हाथों में मेहंदी लगाती हैं और झूले झूलती हैं।
शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, हरियाली तीज का त्योहार उदया तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि की शुरुआत 06 अगस्त को रात 07 बजकर 52 मिनट पर होगी और इसका समापन 07 अगस्त को रात 10 बजकर 05 मिनट पर होगा। उदया तिथि के आधार पर हरियाली तीज 07 अगस्त को मनाई जाएगी।
पूजन विधि
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
- जिसके बाद साफ वस्त्र पहनें।
- इस शुभ अवसर पर सोलह श्रृंगार अवश्य करें।
- मंदिर या पूजा घर की सफाई करें।
- भगवान शिव और मां पार्वती की प्रतिमा को चौकी पर साफ कपड़ा बिछाकर विराजमान करें।
- दीपक जलाकर पूजा शुरू करें।
- शिव चालीसा तथा मंत्रों का जाप करें।
- संध्याकाल में पुनः आरती और अर्चना करें।
- अगले दिन पूजा-पाठ संपन्न कर व्रत का पारण करें।
इन मंत्रों का करें जाप
- ऊँ उमामहेश्वराभ्यां नमः
- ऊँ गौरये नमः
- ऊँ पार्वत्यै नमः
इन मंत्रों का जाप करते हुए भगवान शिव और माता पार्वती से सुख, समृद्धि, और पति की लंबी आयु की कामना करें।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)