Kaal Bhairav Jayanti 2022 : काल भैरव को प्रसन्न करने के लिए इस विधि से कीजिए पूजा

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। आज काल भैरव जयंती है जिसे काल भैरव अष्टमी भी कहा जाता है। मार्गशीर्ष मास के कृष्‍ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्‍टमी मनाई जाती है। जो लोग भगवान शिव और भगवान काल भैरव की पूजा करते हैं, उनके लिए आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है। मान्यता है कि आज के दिन काल भैरव की पूजा करने से सभी पाप नष्ट होते हैं और नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति मिलती है.

आज के दिन ब्रह्म योग बन बन रहा है। इसी के साथ वृश्चिक संक्रांति भी है और आज सूर्यदेव तुला से वृश्चिक राशि में प्रवेश कर रहे हैं। मान्यता है कि काल भैरव जयंती पर जो भैरवनाथ की आराधना करने से जीवन के सभी संकट समाप्त हो जाते हैं और स्वयं भैरव बाबा उनकी रक्षा करते हैं। सारी बुरी शक्तियों से छुटकारा मिलता है और जीवन में किसी तरह का कष्ट नहीं रहता। काल भैरव भगवान शिव का रौद्र रूप हैं और इन्हें तंत्र मंत्र का देवता भी माना गया है। इस दिन कुछ खास उपाय और पूजा करने से काल भैरव को प्रसन्न किया जा सकता है।

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार काल भैरव का श्रृंगार सिंदूर और चमेली के तेल से किया जाता है। आज नींबू की माला चढ़ाएं या 5 नींबू अर्पित करें। पूजा में उन्हें सवा सौ ग्राम काले उड़द, सवा सौ ग्राम काले तिल चढ़ाएं। इसी के साथ सवा 11 रुपए लेकर सवा मीटर काले कपड़े में बांधकर पोटली बनाएं और काल भैरव को अर्पित करें। संध्याकाल में काल भैरव के मंदिर में सरसो के तेल का दीपक जलाएं और ‘ॐ कालभैरवाय नम:’ मंत्र का जाप 108 बार जाप करें। ऐसा करने से कुंडली के कई दोष दूर होते हैं और जीवन के सारे संकट दूर होते हैं। आज के दिन काले कुत्ते को मीठी रोटी या गुड़ के पुए खिलाने से काल भैरव प्रसन्न होते हैं।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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