भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। आज कन्या संक्रांति है (Kanya Sankranti 2022)। आज के दिन सूर्य देवता ने सिंह राशि को छोड़ कन्या राशि में प्रवेश किया है और अब वे एक महीने तक इसी राशि में रहेंगे। सूर्य के किसी भी राशि में परिवर्तन को संक्राति कहते हैं और इसे बेहद शुभ माना जाता है। मान्यता है कि कन्या संक्रांति के दिन सूर्य देव को प्रसन्न करने से जीवन में खुशहाली और समृद्धि आती है।
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कन्या संक्रांति पर सूर्यदेव के पूजन का विशेष महत्व है। पश्चिम बंगाल और उड़ीसा में ये दिन विशेष हर्षोल्लास से मनाया जाता है। आज के दिन पुण्य काल का समय सुबह 7 बजकर 36 मिनट से दोपहर 2 बजकर 8 मिनट तक रहेगा। आज के दिन भगवान सूर्य को जल चढ़ाने से पुण्य प्राप्ति होती है। पवित्र नदियों में स्नान का महत्व है। आज गरीबों को दान दिया जाता है। पितरों की आत्मा की शांति के लिए पूजा की जाती है और इसके बाद दान का विशेष महत्व है। आज के दिन भगवान विश्वकर्मा की भी उपासना की जाती है।
मान्यता है कि आज के दिन सूर्य को विधि विधान से अर्घ्य देने से नौकरी व व्यापार संबंधी समस्याएं दूर होती हैं। इसी के साथ सूर्य देवता की कृपा हो तो जीवन में यश, सम्मान, कीर्ति और लंबी आयु का वरदान भी मिलता है। आज आप वृक्षारोपण भी कर सकते हैं। पितृपक्ष होने के कारण पीपल का पेड़ लगाना विशेष फलदायी माना जाता है। इसी के साथ तुलसी या बिल्व का पौधा भी लगा सकते हैं।