भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। भारत में लोग हर त्योहार (Festivals) हर्ष-उल्लास और पूरे उत्साह के साथ मनाते हैं। ये त्योहारों का महीना है और खूबसूरत व आकर्षक सामानों से सजे रोशन बाजार, जगमगाती झांकिया और रंग-बिरंगे कपड़े-आभूषणों से सजी देवी मां की मूर्तियां जल्दी ही दिखने वाली हैं। जी हां, देवी मां का 9 दिन का पावन पर्व शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri) इस बार 7 अक्टूबर 2021 से शुरु हो रहा है जो 14 अक्टूबर 2021 तक चलेगा। वहीं 15 अक्टूबर को धूम-धाम से विजयादशमी (Dussehra) यानी दशहरा मनाया जाएगा। नौ दिनों तक चलने वाले इस नवरात्र पर्व में मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाएगी।
ये भी पढें- कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर, जल्द बदलेगा सैलरी स्ट्रक्चर, PF में होगा बंपर इजाफा
मान्यता है कि नवरात्रि पर मां दुर्गा की विधि-विधान से पूजा करने से जीवन के सभी दुख दूर होते हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। कई भक्त नवरात्रि के दिनों में माता को प्रसन्न करने और कृपा पाने के लिए व्रत भी रखते हैं। इन दिनों में कन्या पूजन और कन्या भोजन की भी परंपरा है। वहीं इस बार शारदीय नवरात्री का 8 दिन का योग बन रहा है। यानी इसबार नवरात्र गुरुवार 7 अक्टूबर से प्रारंभ होकर गुरुवार 14 अक्टूबर को समाप्त होगी, जिसमें विभन्न जगहों पर माता की प्रतिमाओं की स्थापना होगी।
आइये जानते हैं इस पर्व पर तिथि, घट स्थापना का मुहूर्त और विधि के बारे में-
घट स्थापना शुभ मुहूर्त व तिथि
इस साल नवरात्रि का पावन त्योहार 7 अक्टूबर से शुरू हो रहा है। इस साल घट स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 17 मिनट से 10 बजकर 11 मिनट तक रहेगा। अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 46 मिनट से दोपहर 12 बजकर 32 मिनट तक रहेगा। वहीं पारण का मुहूर्त 15 अक्टूबर शाम 06 बजकर 22 मिनट के बाद रहेगा। इसी समय घटस्थापना करने से नवरात्रि फलदायी होते हैं।
ये भी पढ़ें- MP College : उच्च शिक्षा विभाग ने कॉलेज छात्रों को दी बड़ी राहत, ऑनलाइन होगा भुगतान
ऐसे करें घटस्थापना, जानें विधि
घटस्थापना या कलश स्थापना के दौरान कुछ विशेष नियमों का ध्यान रखना चाहिए। देवी मां की चौकी सजाने के लिए हमेशा उत्तर-पूर्व दिशा का स्थान चुनें और स्वच्छ पानी से इस जगह को साफ करें। घट स्थापना के लिए मिट्टी के बर्तन में सात प्रकार के अनाज रखें। फिर कलश में साफ जल भरकर उसे मिट्टी के पात्र के ऊपर रख दें। अब कलश के ऊपर पत्ते रखें और लाल वस्त्र में नारियल बांध कर रखें। अब भगवान गणेश व कलश की पूजा कर देवी का आह्वान करें।
इस बार डोली में आ रहीं माता रानी
ज्योतिषियों और जानकारों के अनुसार इस साल नवरात्रि पर देवी मां डोली में सवार होकर आ रही हैं। मान्यता है कि माता का डोली में सवार होकर आना बहुत शुभ होता है। बताया जाता है कि नवरात्रि जब गुरुवार या शुक्रवार के दिन से शुरू होती हैं तो मां डोली पर सवार होकर आती हैं। वहीं इस साल की अश्विन महीने की नवरात्रि गुरुवार से शुरू हो रही है जिसका विशेष महत्व माना जा रहा है।