Makar Sankranti 2023: मकर संक्रांति हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस दिन को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है और अलग-अलग राज्यों में इसके विभिन्न नाम भी है। मध्य प्रदेश (MP) में जहां यह संक्रांति है तो गुजरात (Gujrat) में इसे उत्तरायण और दक्षिण भारत में पोंगल कहा जाता है। वहीं पूर्वी उत्तर में तो इसे खिचड़ी कहा जाता है क्योंकि इस दिन खिचड़ी बनाए जाने का महत्व है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन गंगा स्नान करने से सातों जन्म में किए गए पाप से मुक्ति मिल जाती है। इसे लेकर एक पौराणिक कथा भी प्रचलित है जिसके आधार पर लोग मकर संक्रांति पर गंगा स्नान कर दान पुण्य करते हैं। हम आपको कुछ ऐसे गंगा घाटों की जानकारी देते हैं जहां आप स्नान कर दान पुण्य कर सकते हैं। मकर संक्रांति के अलावा इन जगहों पर घूमने फिरने की दृष्टि से भी जाया जा सकता है।
प्रयागराज का त्रिवेणी संगम
त्रिवेणी संगम सबसे पवित्र जगहों में शामिल है। यहां पर गंगा यमुना और सरस्वती तीनों नदियों का मिलन होता है। यही कारण है कि इसे त्रिवेणी संगम कहा जाता है। मकर संक्रांति के दिन यहां पर शाही स्नान का आयोजन किया जाता है जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं।
गंगा सागर
इस जगह को गंगा सागर इसलिए कहा जाता है क्योंकि यहां गंगा नदी का सागर यानी समुद्र से मिलन होता है। पश्चिम बंगाल में स्थित यह जगह हिंदुओं का एक पवित्र स्थल है। हां पर स्नान करने का विशेष महत्व माना जाता है क्योंकि पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक गंगा सागर में डुबकी लगाने वाले व्यक्ति को 10 अश्वमेध यज्ञ कराने जितना पुण्य मिलता है। इसी के साथ यहां लगाई गई डुबकी एक हजार गाय दान करने के बराबर फल देती है।
काशी
काशी को तो वैसे भी भगवान शिव की प्रिय नगरी कहा जाता है और यहां पर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक श्री काशी विश्वनाथ भी विराजित हैं। यहां पर मकर संक्रांति के दिन गंगा घाट पर श्रद्धालुओं का हुजूम स्नान के लिए मरता है। इस दिन काशी विश्वनाथ मंदिर में खिचड़ी महोत्सव का आयोजन भी किया जाता है जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु हिस्सा लेते हैं।
हरिद्वार
हरिद्वार की गिनती धर्म नगरियों में होती है। यह एक पवित्र तीर्थ स्थल है और यहां गंगा स्नान के लिए वर्ष भर ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। मकर संक्रांति के मौके पर हरिद्वार पर गंगा नदी के किनारे कई घाट पर आस्था उमड़ती है लेकिन हर की पौड़ी पर स्नान का विशेष महत्व माना गया है। संक्रांति के मौके पर यहां मेले का आयोजन होता है और यह भी कहा जाता है कि गंगा में डुबकी लगाने से सारे पापों से मुक्ति मिल जाती है।