Gangaur Puja 2024: हिंदू धर्म में गणगौर त्यौहार का विशेष महत्व है। 16 दिनों तक चलने वाला यह त्यौहार महिलाओं के द्वारा मनाया जाता है और त्योहार के दौरान महिलाओं के द्वारा ही व्रत रखा जाता है। महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए गणगौर पूजा करती हैं और व्रत रखती हैं तो वहीं कुंवारी लड़कियां अच्छे वर की प्राप्ति के लिए पूजा करती हैं और व्रत रखती हैं। 16 दिन तक चलने वाले इस त्यौहार की शुरुआत 24 मार्च 2024 से हो चुकी हैं और 11 अप्रैल 2024 को इसका समापन है। ऐसा कहा जाता है की गणगौर के 16 वें दिन हर महिला और लड़की को गणगौर की पूजा अवश्य करनी चाहिए। गणगौर पूजा के दौरान, भक्त मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा करते हैं।
गणगौर त्यौहार का क्या महत्व है
गणगौर त्यौहार भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है। देशभर में महिलाओं और लड़कियों के बीच इस त्यौहार को लेकर अलग ही उत्साह और उल्लास देखने को मिलता है। यह त्यौहार नवविवाहित महिलाओं के लिए और भी ज्यादा खास होता है। आमतौर पर गणगौर का त्योहार 16 दिन तक चलता है लेकिन कहीं-कहीं जगह यह त्यौहार 18 दिन तक भी मनाया जाता है। वैसे तो हर जगह इस त्यौहार को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है लेकिन राजस्थान में इस त्यौहार को लेकर अलग ही माहौल देखने को मिलता है। महिलाएं गणगौर के त्यौहार के दौरान भगवान शिव और माता पार्वती के प्रति ईसर और गणगौर के प्रतिमा की पूजा अर्चना करती हैं। विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए यह व्रत रखती हैं तो वही अविवाहित महिलाएं भगवान शिव जैसा पति पाने के लिए गणगौर का व्रत रखती हैं।
गणगौर त्यौहार मनाने के पीछे की क्या है कहानी
पौराणिक कथाओं के अनुसार, माता पार्वती विवाह से पहले ही भगवान शिव को अपना पति मानती थी। भगवान शिव को अपने पति के रूप में पाने के लिए उन्होंने 15 दिन की कड़ी तपस्या की थी। जिसके चलते 16 वें दिन भगवान शिव ने माता पार्वती की कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर माता पार्वती के सामने प्रकट हुए और उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया।तब से ही विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए और अविवाहित महिलाएं अच्छे वर की प्राप्ति के लिए 16 दिन तक चलने वाला गणगौर का त्यौहार मनाती हैं, महिलाएं भगवान शिव के रूप में ईसर की पूजा करती हैं और माता पार्वती के रूप में गणगौर माता की पूजा करती हैं। वैसे तो पूरे 16 दिन विधि विधान से ईसर गणगौर की पूजा की जाती है लेकिन गणगौर त्यौहार के 16 वें दिन यह पूजा और भी ज्यादा खास मानी जाती है।
गणगौर पूजा 2024 में कब है?
हर साल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को गणगौर की पूजा की जाती है। इस साल 2024 में गणगौर पूजा 11 अप्रैल, गुरुवार को मनाई जाएगी।
शुभ मुहूर्त:
तृतीया तिथि प्रारंभ: 10 अप्रैल 2024, शाम 05:32 बजे
तृतीया तिथि समापन: 11 अप्रैल 2024, दोपहर 03:03 बजे
गणगौर पूजा का शुभ मुहूर्त: 11 अप्रैल 2024, सुबह 06:28 बजे से 09:07 बजे तक
गणगौर पूजा की विधि इस प्रकार है
1. पूजा की जगह को साफ करें और सजाएं।
2. मां पार्वती और भगवान शिव की मूर्तियों को स्थापित करें।
3. मूर्तियों को फूलों, मालाओं और अन्य सजावटी सामानों से सजाएं।
4. एक थाली में भोग लगाएं।
5. दीप जलाएं और धूप करें।
6. राशि अनुसार मंत्रों का जप करें।
7. मां पार्वती और भगवान शिव से प्रार्थना करें।
8. व्रत रखने वाले लोग शाम को व्रत खोलें।
राशि अनुसार करें इन मंत्रों का जाप
मेष राशि: ॐ ब्रह्म स्वरूपिण्यै नमः
वृषभ राशि: ॐ रामायै नमः
मिथुन राशि: ॐ नारायण्यै नमः
कर्क राशि: ॐ यौवनायै नमः
सिंह राशि: ॐ चंडिकायै नमः
कन्या राशि: ॐ त्रिपुरायै नमः
तुला राशि: ॐ शिवायै नमः
वृश्चिक राशि: ॐ भवानीयै नमः
धनु राशि: ॐ दुर्गायै नमः
मकर राशि: ॐ जगदम्भिकायै नमः
कुंभ राशि: ॐ शंभवीयै नमः
मीन राशि: ॐ पार्वतियै नमः
(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)